भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) भूषण गवई के प्रोटोकॉल की अनदेखी का मामला दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, BCMG (बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ऐंड गोवा) के बाद अब यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले की याचिका एडवोकेट नितिन सातपुते ने दायर की है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने प्रोटोकॉल के पालन के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। इस नई गाइडलाइन के अनुसार, CJI राज्य के स्थायी अतिथि होंगे।
महाराष्ट्र सरकार की नई गाइडलाइन
महाराष्ट्र सरकार ने चीफ जस्टिस ऑफ सुप्रीम कोर्ट को राज्य के स्थाई अतिथि का दर्जा दिया है। इसका मतलब अब जब भी राज्य में CJI आएंगे, उन्हें राज्य अतिथि नियम 2004 के तहत पहले से निर्धारित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। राज्य में उन्हें आवास, वाहन व्यवस्था और सुरक्षा जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
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मामले पर BCMG का प्रस्ताव
मालूम हो कि इस मामले को लेकर BCMG ने बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे को एक लेटर भेजा था। साथ ही BCMG ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को एक लेटर भेजा था। इसके अलावा काउंसिल ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में BCMG ने कहा कि जस्टिस बीआर गवई द्वारा सीजेआई की शपथ लेने के बाद जब वह पहली बार मुंबई आए, तब एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस कमिश्नर में से किसी का भी मौजूद न होना निंदनीय है।