Assam Govt Ad: महाशिवरात्रि के मौके पर असम सरकार की ओर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आमंत्रित करने के लिए जारी एक विज्ञापन पर विवाद छिड़ गया है। महाराष्ट्र के उद्धाव सेना ने विज्ञापन को लेकर सवाल उठाया है। पार्टी के महाराष्ट्र में भगवान और मंदिरों पर एक नया विवाद छिड़ गया है।
दरअसल, पुणे जिले का भीमाशंकर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा ज्योतिर्लिंग माना जाता है। अब असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से जारी एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में है। असम सरकार के इसी विज्ञापन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता और सांसद सुप्रिया ने ट्विटर पर असम सरकार की आलोचना की है।सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
सुप्रिया सुले ने कहा, "क्या भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र में कुछ भी नहीं रखने का फैसला किया है? पहले महाराष्ट्र के उद्योग और रोजगार के हिस्से को चुरा लिया गया था और अब वे हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को चुराने वाले हैं।" उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमाशंकर को श्री शिव शंकर के बारह ज्योतिर्लिंगों में छठे ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। बहुत ही सुंदर क्षेत्र में स्थित यह मंदिर अनगिनत भक्तों के लिए पूजा स्थल है। और पढ़िए –IT Survey On BBC, Day 2: दूसरे दिन भी इनकम टैक्स का सर्वे जारी, ऑफिस के अंदर नोकझोक का वीडियो भी वायरलअसम सरकार के विज्ञापन में क्या है?
महाशिवरात्रि के अवसर पर असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से 14 फरवरी को विभिन्न समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। विज्ञापन में लिखा है, 'भारत के छठे ज्योतिर्लिंग स्थल डाकिनी पर्वत, कामरूप में आपका स्वागत है'। इसी विज्ञापन में विभिन्न ज्योतिर्लिंग स्थलों की सूची भी दी गई है। विज्ञापन में 'डाकिनी' में भीमाशंकर के रूप में एक स्थान का उल्लेख है। इसके अलावा विज्ञापन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की तस्वीर भी है। और पढ़िए –PM Modi Mumbai Visit: प्रधानमंत्री मोदी ने बोहरा समुदाय की अरबी अकादमी का किया उद्घाटन, मुस्लिमों को दिया बड़ा मैसेजआदित्य ठाकरे भी महाराष्ट्र सरकार पर बरसे
शिवसेना नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम शिंदे के खेमे के एक बागी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करने के बाद, आदित्य ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र से महत्वपूर्ण परियोजनाओं को छीना जा रहा है, उस पर कई लोगों ने चिंता व्यक्त की है। इसी तरह अब मंदिरों को भी दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम हर राज्य में विभिन्न मंदिरों में जाते हैं। इन पूजा स्थलों में हम सभी का सम्मान और विश्वास है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भीमाशंकर देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है जो महाराष्ट्र में स्थित है। उन्होंने कहा कि हमें इसका सम्मान करने की आवश्यकता है। हो सकता है कि कोई असम में भी ज्योतिर्लिंग हो और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र को पीछे धकेलने का लगातार प्रयास स्वीकार्य नहीं है।' और पढ़िए – प्रदेश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें---विज्ञापन---
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