मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की जन स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) मंत्री संपतिया उइके का 1000 करोड़ रुपये की घूसखोरी में नाम सामने आने के बाद सियासी भूचाल आ गया है। मंत्री पर यह आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाए हैं, जिन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिखा है। आइए अब आपको बताते हैं कौन हैं मंत्री संपतिया उइके?
आदिवासी महिला नेता हैं संपतिया उइके
4 सितंबर 1967 को जन्मीं संपतिया उइके एक आदिवासी महिला नेता हैं। मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी में संपतिया का नाम सीनियत नेताओं में गिना जाता है। वह मूल रूप से एमपी के मण्डला जिले की रहने वाली हैं। बताया जाता है कि 31 जुलाई 2017, केंद्रीय मंत्री श्री अनिल माधव दवे के निधन के कारण आवश्यक उपचुनाव में राज्य से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में संपतिया उइके भाजपा के टिकट पर मंडला सीट से जीत हासिल की है। इस जीत के बाद उन्हें भाजपा की डॉ. मोहन यादव सरकार में जगह मिली है। उन्हें पीएचई जैसा अहम विभाग भी दिया गया।
मुख्यमंत्री को इस बारे में सब कुछ पता है
भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री उइके ने कहा, ''मैं एक आदिवासी महिला हूं, गरीब मजदूर वर्ग से आती हूं और जनता की सेवा कर रही हूं। इसलिए कुछ लोगों को परेशानी है। इसके बाद भी मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। क्योंकि सांच को आंच नहीं, मुझे किसी भी जांच से कोई परेशानी नहीं है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं, जो कराना है वो करा लीजिए। रही बात सीएम साहब की तो मुख्यमंत्री को इस बारे में सब कुछ पता है। मैं कैबिनेट में जा रही हूं और मुख्यमंत्री से इस बारे में बात करूंगी। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त है। सिर्फ और सिर्फ मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। जो कि पूरी तरह से गलत है।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंत्री से की शिकायत
दरअसल, पिछेल दिनों पूर्व विधायक किशोर समरीते ने यह गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं समरीते ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी भेजा था, जिसमें मंत्री संपतिय उइके पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दावा किया है कि उइके ने 1000 करोड़ रुपए की कमीशन वसूली की है। इसकी अगर जांच हुई तो सारी कहानी सामने आ जाएगी।