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गजब का जुनून! एक चाय वाला, जिसने आज तक कोई चुनाव नहीं छोड़ा, 28 बार ठोक चुका दावेदारी

Who is Anand Singh Kushwaha: इससे पहले उन्होंने  राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सांसद, विधायक, महापौर और पार्षद के 27 चुनाव लड़ चुके हैं।

Who is Anand Singh Kushwaha: इन दिनों देश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर माहोल काफी गर्म हो गया है। देश के 5 राज्यों में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले है। चुनाव को लेकर सभी लोगों की अगल- अगल दिलचस्पी होती है। लेकिन क्या किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ना का जुनून हो सकता है? वो भी जुनून ऐसा कि व्यक्ति देश के हर एक चुनाव में भाग लेते हुए उसे लड़े। यकीनन ही आमतौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है। लेकिन आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अब तक कुल 27 चुनाव लड़े हैं।

साल 1994 से लड़ रहे चुनाव 

ग्वालियर के एक चाय वाला उस वक्त चर्चा का विषय बन गया, जब चुनाव लड़ने को लेकर उसका जुनून सबके सामने आया। ग्वालियर के समाधियां मोहल्ले में चाय की छोटी सी दुकान चलाने वाले आनंद सिंह कुशवाह पिछले कई सालों से चुनाव लड़ रहे हैं। आनंद सिंह कुशवाह ने बताया कि वो साल 1994 से चुनाव लड़ रहे है। इससे पहले उन्होंने  राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सांसद, विधायक, महापौर और पार्षद के 27 चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार वे 28वां चुनाव ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से लड़ने जा रहे है। उन्होंने इसके लिए अपना नॉमिनेशन भी फाइल कर दिया है। यह भी पढ़ें: महेंद्र सिंह धोनी से दिलवाऊंगा मकान और पैसे…कहकर विश्वास में लिया और डेढ़ साल के बच्चे को उठा ले गया

पार्षद चुनाव का मुकाबला

आनंद सिंह कुशवाह का कहना है कि जब एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है, तो वो सांसद, विधायक, पार्षद क्यों नहीं बन सकते। आनंद सिंह कुशवाह ने बताया कि एक बार पार्षद के चुनाव में उनके समाज के नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह के बीच तकरार हो गई थी। तब नारायण सिंह कुशवाह और आनंद सिंह कुशवाह ने एक ही वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा था।

जब तक सांस रहेगी चुनाव लड़ता रहूंगा

आनंद सिंह कुशवाह ने आगे बताया कि उनकी उम्मीदवारी को लेकर नारायण सिंह कुशवाह ने उनसे ऐसा कुछ कह दिया था, जिसके बाद से उन्होंने देश में होने वाले सभी चुनाव लड़ने की कसम खा ली। उनका कहना है कि जब तक सांस है तब तक चुनाव लड़ता रहूंगा। कभी तो ईश्वर उनकी सुनेगा। आनंद अपना चुनाव प्रचार भी खुद ही सायकिल से करते है।


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