MP Urban Development Secretary Letter: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार तेजी से राज्य के विकास का काम कर रही है। प्रदेश के विकास के साथ-साथ मोहन यादव सरकार राज्य में प्रशासन और कानून व्यवस्था को भी बनाए रखे हुए हैं। इस काम के लिए अधिकारी भी जी-जान से जुड़े हुए हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास के सचिव नीरज मंडलोई ने एक विभागीय पत्र जारी किया है। इस पत्र सचिव ने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोर्ट केस की अवमानना करने वाले दोषी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दोषी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
सचिव नीरज मंडलोई ने अपने निर्देश में कहा कि कोर्ट केस की अवमानना करने वाले दोषी व्यक्ति के खिलाफ बिना किसी देरी के उसकी वेतन वृद्धि को रोकने का आदेश दिया है। वहीं अगर मामला गंभीर हो तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार दंडित करने के साथ विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
क्या लिखा है सचिव के पत्र में?
इस पत्र की शुरुआत में कहा गया है कि कुछ मामलों में यह देखने को मिला है कि अलग-अलग श्रेणी के नगरीय निकायों में लंबित भुगतान को लेकर कोर्ट में चल रहे केस में निकायों की तरफ से याचिकाकर्ताओं की मनचाही राशि मांग अतार्किक होने के बाद भी संबंधित निकायों की तरफ से कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जाती है। इस वजह से कोर्ट की तरफ से समय-सीमा के भीतर भुगतान करने के आदेश जारी किए जाते हैं। इन सब की वजह से विभाग की तस्वीर खराब हो जाती है।
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निर्देश का सख्ती के साथ पालन करें
सचिव द्वारा जारी पत्र में इस तरह के 2 ताजा मामलों के जिक्र किए गए हैं, ये दोनों मामले झाबुआ और पिपलोदा (रतलाम) के हैं। इन मामलों में कोर्ट ने राज्य शासन को भी भुगतान के लिए पक्षकार बनाया गया है। इन 2 उदाहरणों के साथ पत्र में स्थानीय निकायों को निर्देश दिया गया है कि भुगतान से असहमति उपरांत न्यायालय द्वारा भुगतान के आदेश पारित किए जाने पर पालन करना अथवा समय-सीमा में रिवीजन अपील सुनिश्चित करने का दायित्व संबंधित निकाय के आयुक्त या नगरपालिका अधिकारी का होगा।