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MP Radha-Krishna Temple: छतरपुर में पत्नी की याद में बनवाया राधे-कृष्ण का मंदिर, मुस्लिम कलाकारों ने की नक्काशी

MP Radha-Krishna Temple: मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक शख्स ने अपनी पत्नी की याद में ‘राधे-कृष्ण’ का भव्य मंदिर बनवाया है। शख्स ने बताया कि मंदिर बनवाने के लिए उसने अपने जीवनभर की कमाई को खर्च कर दिया। बताया जा रहा है कि मंदिर में स्थापित मूर्ति की नक्काशी मुस्लिम कलाकारों ने की है। नक्काशी […]

MP Radha-Krishna Temple: मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक शख्स ने अपनी पत्नी की याद में 'राधे-कृष्ण' का भव्य मंदिर बनवाया है। शख्स ने बताया कि मंदिर बनवाने के लिए उसने अपने जीवनभर की कमाई को खर्च कर दिया। बताया जा रहा है कि मंदिर में स्थापित मूर्ति की नक्काशी मुस्लिम कलाकारों ने की है। नक्काशी में तीन साल का समय लगा है। मंदिर बनवाने वाले शख्स की पहचान बुंदेलखंड के एक सेवानिवृत्त शिक्षक बीपी चनसोरिया के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि पत्नी की मृत्यु के दिन ही मैंने उनकी याद में छतरपुर में मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। मंदिर के निर्माण के लिए संगमरमर के पत्थरों पर विशेष कला की नक्काशी की गई है। नक्काशी के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए गए थे।

चानसोरिया बोले- पत्नी चित्रकूट में चाहती थी राधे-कृष्ण का मंदिर

मंदिर के बारे में चानसोरिया ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि उन्होंने इसे बनवाया क्योंकि उनकी पत्नी हमेशा चित्रकूट में 'राधा कृष्ण' मंदिर चाहती थी। नवंबर 2016 में मेरी पत्नी की मृत्यु के बाद मैंने संकल्प लिया कि मैं मंदिर बनवाऊंगा।

छह साल में डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार हुआ मंदिर

चानसोरिया ने बताया कि 1.50 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर बनने में छह साल और सात दिन लगे। राधा कृष्ण प्यार के प्रतीक हैं, जिसे लोगों को सदियों तक याद रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि राधा कृष्ण की मूर्ति के साथ मंदिर में राधा जी की सखी ललिता और विशाखा भी विराजमान होंगी। उन्होंने बताया कि 29 मई को यह मंदिर समाज को समर्पित होगा। साथ ही मैं युवाओं को यह संदेश भी देना चाहता हूं कि शादी के बाद प्यार ही सबकुछ है, इसलिए छोटी-छोटी बातों पर प्यार या पत्नी को नहीं छोड़ना चाहिए।

मंदिर के पुजारी क्या बोले?

मंदिर के स्थानीय पुजारी पंडित रमेश चंद्र दीक्षित ने कहा कि यह मंदिर एक उदाहरण के रूप में काम करेगा कि कैसे एक साथी के गुजर जाने के बाद भी प्यार बरकरार रहता है। उन्होंने बताया कि मंदिर बनने के लिए छह साल तक लगातार काम चला, 2010 में कुछ समय के लिए रुका, लेकिन फिर से शुरू हो गया। मूर्ति की नक्काशी करने वाले कलाकारों में से एक मोहम्मद आसिफ ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि यह मंदिर आज की पीढ़ी में 'ताजमहल' जैसा उदाहरण है। एक समय शाहजहां ने अपनी दिवंगत पत्नी मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया था और आज उसने (बीपी चानसोरिया) अपनी दिवंगत पत्नी के लिए एक मंदिर बनवाया है। मंदिर में राधा कृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाएगी।


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