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एमपी की अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना पर मिलेंगे 2 लाख रुपये, कैसे मिलेगा स्कीम का लाभ, जानें

मध्य प्रदेश सरकार की अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दूल्हा-दुल्हन को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। इस योजना का लाभ और अप्लाई प्रोसेस के बारे में जानें।

मध्य प्रदेश की जनता के लिए राज्य सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिसके जरिए समाज में लोगों को एक नई जगह भी मिलेगी। लाड़ली बहना योजना से लेकर मुफ्त स्कूटी योजना महिलाओं और बच्चियों के चेहरे पर खुशियां लेकर आई हैं। वहीं, एक ऐसी स्कीम एमपी सरकार की ओर से शुरू की गई है जिसमें शादी करने पर दूल्हा-दुल्हन को 2 लाख रुपये मिलेंगे। इस योजना का नाम अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना है।

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना 2025 क्या है?

मध्य प्रदेश अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना 2025 एमपी सरकार की ओर से अंतरजातीय विवाह योजना को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक स्कीम है। मध्य प्रदेश अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना उन जोड़ों का समर्थन करती है जो अपनी जाति से बाहर शादी करते हैं। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की गाइडलाइन का पालन करते हुए जोड़े अपनी शादी के एक साल के भीतर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन पर मिलते हैं 2 लाख रुपये

मध्य प्रदेश अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के लड़के/लड़की से शादी करने पर दंपत्तियों को इनाम और सम्मानित किया जाता है। मध्य प्रदेश अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सरकार वर-वधू को 2 लाख की आर्थिक मदद मिलती है। मध्य प्रदेश अंतर्जातीय विवाह योजना का पहला मकसद जातिवाद और अस्पृश्यता को मिटाना है, जो जाति की सीमाओं के पार विवाह करने वाले जोड़ों को प्रोत्साहित और सम्मानित करता है।

कैसे मिलेगा योजना का लाभ?

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए नवविवाहितों को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत अंतर्जातीय विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। मध्य प्रदेश अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए नवविवाहित दंपत्ति को 1 साल के अंदर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा।

योजना का मकसद क्या है?

  • योजना का उद्देश्य अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपतियों को मान्यता देना तथा उनका सम्मान करना है।
  • अगर एक व्यक्ति उच्च जाति से जुड़ा है और दूसरा अनुसूचित जाति (SC) से संबंधित है, तो वे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को अप्लाई कर सकते हैं।
  • योग्य दंपतियों का चुनाव जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाता है और राज्य सरकार उन्हें प्रशस्ति पत्र तथा 2 लाख रुपये का वार्षिक पुरस्कार देती है।

योजना के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?

  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • होमपेज पर ऑनलाइन सर्विस सेक्शन के अंतर्गत अंतरजातीय विवाह योजना लिंक पर क्लिक करें।
  • वेबसाइट से आप सीधे आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
  • दूल्हा-दुल्हन के सभी डिटेल भरें, उनकी तस्वीरें और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
  • एमपी अंतर्जातीय विवाह योजना के लिए ऑनलाइन अप्लाई प्रोसेस को पूरा करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें।

कौन ले सकता है योजना का लाभ

  • लड़का या लड़की मध्य प्रदेश के निवासी होने चाहिए।
  • दंपति की शादी मैरिज स्पेशल एक्ट, 1954 के अंतर्गत होनी चाहिए।
  • दंपति अलग-अलग जातियों से संबंधित होने चाहिए।
  • दंपति के माता-पिता की संयुक्त वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

कौन करता है जांच

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का प्रभारी संबंधित जिले का कलेक्टर होता है। कलेक्टर का काम आवेदन स्वीकार करने के साथ ही उन पर कार्रवाई करना होता है। इसके साथ ही आवेदक पात्र हैं या नहीं, और पात्र जोड़ों को आर्थिक मदद देना होता है। अगर कोई समस्या है, तो आवेदक कलेक्टर से मदद की बात कर सकता है। कलेक्टर का ऑफिस योजना के बारे में रिकॉर्ड और आंकड़े रखता है और सरकार को रिपोर्ट भेजता है। अगर किसी को योजना के बारे में कोई सवाल है, तो उसे कलेक्टर से संपर्क करना चाहिए।

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

  • वर और वधू का आइडेंटिटी प्रूफ।
  • वर और वधू का रेजिडेंस प्रूफ।
  • मैरिज सर्टिफिकेट।
  • वर-वधू का कास्ट सर्टिफिकेट।
  • दंपति के माता-पिता का इनकम सर्टिफिकेट।

क्या है आवेदन प्रक्रिया 

पात्र दंपत्ति को संबंधित जिले के जिला कलेक्टर के ऑफिस में जाकर जरूरी डॉक्यूमेंट जमा कराने होंगे। आवेदन की जांच निर्धारित प्राधिकारी द्वारा की जाएगी। वेरिफिकेशन के बाद दंपति को उनके बैंक खाते के जरिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश पुलिस ने पार की संवेदनहीनता की हदें, डेडबॉडी को कचरा गाड़ी से भेजा अस्पताल


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