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MP का अगला CM कौन होगा? रेस में बने हुए हैं पीएम मोदी के 2 करीबी चेहरे

MP CM Candidate Meeting Update: राजस्थान की तरह एमपी में भी सीएम पद को लेकर संशय बना हुआ है। पार्टी के आला नेता लगातार मीटिंग कर रहे हैं। इस बीच दो चेहरे ऐसे भी हैं जो सीएम की शपथ ले सकते हैं।

MP CM Candidate Meeting Update
MP CM Candidate Meeting Update: एमपी का अगला सीएम कौन होगा? यह सवाल फिलहाल एमपी की जनता के साथ-साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी लोग अपनी ओर से विश्लेषण करने में जुटे हैं। राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। उम्मीद जताई जा रही है शनिवार तक पर्यवेक्षक भोपाल पहुंचेंगे और रायशुमारी तय करेंगे इसके बाद आलाकमान सीएम कैंडिडेट का ऐलान कर सकता है। इस बीच चर्चा हैं कि राजस्थान में सीएम का नाम तय करने के बाद एमपी में नाम का ऐलान हो सकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान अभी भी सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं। पार्टी अगर बदलाव करती है किसी और का नाम सामने आ सकता है। हालांकि एमपी की राजनीति में दो और चेहरे भी है जो विधायक नहीं हैं लेकिन उनका सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है। पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरा नाम सुमेर सिंह सोलंकी का हैं।

पीएम मोदी के करीबी हैं सिंधिया

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ही वे नेता थे जिन्होंने 2020 में भाजपा की एमपी की सत्ता में वापसी कराई थी। उन्होंने अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। इसके बाद उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया और फिलहाल वे केंद्र में केबिनेट मंत्री का पद संभाल रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि सिंधिया की भाजपा में एंट्री गायकवाड़ राजघराने के कारण हुई थी। वहीं गायकवाड़ राजघराने के पीएम मोदी से अच्छे संबंध भी है। पिछले दिनों जब पीएम सिंधिया स्कूल के कार्यक्रम में शािमल होने पहुंचे थे तो उन्होंने सिंधिया को गुजरात का दामाद बता दिया था। यह भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए भाजपा ढूंढ रही नया चेहरा, शिवराज सिंह चौहान ने दिया ये संदेश, समझिए क्या हैं मायने

राज्यसभा सांसद सोलंकी भी रेस में

सिंधिया के अलावा दूसरे नेता राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी हैं। सोलंकी पीएम के करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा उनकी संघ से भी नजदीकी है। वे लाइम लाइट से दूर रहते हैं। वे मालवा-निमाड़ क्षेत्र से होने के साथ ही बड़े आदवासी चेहरा भी है। एमपी में 21 प्रतिशत आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, ऐसे में सोलंकी इस समीकरण में फिट बैठते हैं।  


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