मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल से 19 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। कैबिनेट का फैसला 31 मार्च आधी रात से लागू हो गया है। धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का फैसला खरगोन के महेश्वर में आयोजित 24 जनवरी की मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। मध्य प्रदेश में अब नई आबकारी नीति लागू हो जाएगी, जिसके बाद अब 19 धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर रोक रहेगी।
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इन जगहों पर लागू होगी शराबबंदी
सरकार ने जिन धार्मिक स्थलों पर शराब बैन करने का फैसला लिया है, उनमें ओंकारेश्वर, उज्जैन, महेश्वर, ओरछा, मण्डलेश्वर, चित्रकूट, मैहर, पन्ना, दतिया, मुलताई, मण्डला, अमरकंटक की संपूर्ण नगरीय सीमा, मंदसौर, कुंडलपुर, सलकनपुर, बरमान कलां, बांदकपुर, बरमान खुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा शामिल हैं। इन इलाकों में शराब की दुकानों और बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
सरकार के फैसले पर संत समुदाय की प्रतिक्रिया सामने आई है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी महाराज ने कहा कि उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल यहीं विराजमान हैं। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होता है, जिसमें दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं। वे पहले भी मांग कर चुके हैं कि उज्जैन को पवित्र तीर्थ घोषित किया जाना चाहिए। यहां शराब और मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। अब पहला कदम उठाया गया है। सरकार ने शराब पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सीएम मोहन यादव ने यह स्वागत योग्य कदम उठाया है। इस फैसले को बहुत पहले ही लिया जाना चाहिए था। अगला कदम उठाकर सरकार को उज्जैन को पवित्र तीर्थ घोषित करना चाहिए।
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सरकार का फैसला स्वागत योग्य
सरकार के फैसले पर रामायणी कुटी आश्रम के महंत राम हृदय दास की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। मध्य प्रदेश सरकार को पहले ही इस बाबत फैसला ले लेना चाहिए था। हमें उम्मीद है कि सरकार के फैसले का सही तरीके से क्रियान्वयन होगा।