Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बड़ी खबर है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वालाके दो और शावकों की गुरुवार को मौत हो गई। जबकि एक शावक का इलाज चल रहा है। इससे पहले मंगलवार को ज्वाला के एक शावक की मौत हुई थी। दो महीने के भीतर कूनो नेशनल पार्क में अब तक छह चीतों मौत हो चुकी है। कूनो में ज्वाला ने दो महीने पहले चार शावकों को जन्म दिया था।
जीवित शावक का पालपुर अस्पताल में चल रहा इलाज
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि 23 मई की सुबह ज्चाला के एक शव की मौत हुई थी। इसके बाद जीवित बचे तीन शावक और ज्वाला की पालपुर में डॉक्टरों और मॉनिटरिंग टीम द्वारा लगातार निगरानी की जा रही थी। चूंकि 23 मई को अधिक गर्मी थी। तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। ऐसे में तीनों शावकों की असामान्य स्थिति और गर्मी को देखते हुए टीम ने तत्काल उन्हें रेस्क्यू कर इलाज देने का निर्णय लिया। लेकिन दो शावकों की मौत हो गई। एक शावक गंभीर हालत में है। उसका पालपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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साउथ अफ्रीका और नामीबिया के विशेषज्ञों और डॉक्टरों से लगातार सलाह ली जा रही है। चीता शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पहले ही अपनी मां के साथ घूमना शुरू किया थाा। चीता विशेषज्ञों के अनुसार अफ्रीका में शावकों के जीवित रहने का प्रतिशत बेहद कम है। स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जा रही है।
27 मार्च को ज्वाला पहली बार बनी थी मां
मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद कूनो में शावकों समेत चीतों की संख्या 23 हो गई थी। शावकों के जन्म से दो दिन पहले मादा चीता साशा की मौत हुई थी। उसके बाद चीता उदय और दक्षा ने भी दम तोड़ दिया था।
अब कूनो में 18 चीते बचे
17 सितंबर को पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। अब 18 चीते ही कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं।
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