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मध्य प्रदेश में पहली बार मोहन सरकार मनाएगी जन्माष्टमी, जानें मुख्यमंत्री यादव का प्लान

Janmashtami Celebration In Madhya Pradesh: मोहन सरकार इस बार शासकीय स्तर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मानने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को सामान्य प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कार्यक्रम करने के निर्देश दिए हैं।

janmashtami Celebration in mp
Janmashtami Celebration In Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि मध्य प्रदेश सरकार मथुरा और द्वारका में आयोजित होने वाले समारोहों की तरह आगामी कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित करेगी। कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। मध्य प्रदेश में अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व शासकीय स्तर से मनाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। एमपी सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के मुताबिक, मंदिरों में साफ सफाई की व्यवस्थाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सीएम मोहन यादव के निर्देश के बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को व्यापक रूप से मनाए जाने को लेकर सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश की कॉपी सौंपी गई हैं।

मुख्यमंत्री यादव ने की समीक्षा बैठक

आदेश में कहा है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 07 अगस्त 2024 को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सम्पूर्ण प्रदेश आगामी 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी पर्व के आयोजन के संदर्भ में दिए निर्देशों के संबंध में बिन्दुआर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

स्कूलों और मंदिरों में भव्य कार्यक्रम

  • हर एक जिले में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों की साफ-सफाई कार्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया।
  • भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग और जीवन दर्शन पर आधारित अलग-अलग विषयों पर विद्वानों के माध्यम से सभी शासकीय / अशासकीय स्कूल, कॉलेज में व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
  • प्रदेश के ऐसे स्थल जहां भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में जुड़े विशेष प्रसंग रहे हैं, जैसे कि जानापावा (देवास), अमझेरा (धार), नारायणा एवं संदीपनी आश्रम (उज्जैन) में प्रसंगों के अनुकूल जन्माष्टमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएं।
  • शास्त्र सम्मत मंदिर निर्माण के स्थापत्य एवं उनकी विशिष्टयों को इन अवसरों पर प्रचारित प्रसारित किया जाएगा।
  • गौरवशाली इतिहास के प्रसंगो / कथानकों/आख्यानों से सभी वर्गों को अवगत कराने के लिए समुचित कार्यवाही की जाएगी।
  • जन्माष्टमी के अवसर पर सभी शासकीय/अशासकीय विद्यालयों / महाविद्यालयों में भारतीय विशिष्ट परंपराओं, योग आदि पर व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
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