MP Tiger State: हाल ही में जारी हुए बाघों के आंकड़े में मध्य प्रदेश को फिर से 'टाइगर स्टेट' का तमगा मिला हुआ है। देश के सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में हैं। यह उपलब्धि मिलने पर प्रदेश के लिए बड़ी बात मानी जा रही है। हालांकि यह उपलब्धि प्रदेश को कैसे मिली इसी जानकारी शिवराज सरकार में वन मंत्री विजय शाह ने बताई है।
टाइगर को बच्चों जैसा पालना होता है
मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि प्रदेश को लगातार टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाए रखना गौरव की बात है। लेकिन इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि टाइगर को बच्चों के जैसा पालना होता है, उनकी देखरेख करना पड़ती है, कहने में यह काम जितना आसान लगता है असल में उतना होता नहीं है। लेकिन हमारे वन विभाग के कर्मचारियों ने यह करके दिखाया है। जिसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान 8 अगस्त को वन विभाग के अधिकारियों को सम्मानित करेंगे।
लगातार तीन बार से टाइगर स्टेट है मध्य प्रदेश
बता दें कि मध्य प्रदेश लगातार तीन बार से टाइगर स्टेट बना हुआ है। मंत्री विजय शाह ने कहा कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि तीन बार से एमपी टाइगर स्टेट बनता आ रहा है और तीनों ही बार वह मध्यप्रदेश के वन मंत्री थे। बाघों की गणना के अनुसार 785 बाघ मध्य प्रदेश में हैं, हालांकि उनका कहना है कि प्रदेश में कुछ बाघ 2 साल तक के हैं। जिनकी फोटो आईडेंटिटी नहीं है। ऐसे में इन बाघों की गिनती नहीं हो पाई है। अगर इन बाघों की भी गिनती हो जाती तो यह संख्या और बढ़ जाती।
एक साल में बढ़े 526 बाघ
मध्य प्रदेश में फिलहाल 785 बाघ हैं, पिछले एक साल में प्रदेश में 259 बाघ बढ़े हैं। खास बात यह कि इनमें सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हैं। जबकि कान्हा नेशनल पार्क में भी बाघों की अच्छी संख्या है। दोनों ही पार्कों में बाघों की संख्या में उछाल आया है। जो प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।