Kuno Cheetah Project: दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाए गए 12 चीतों में से एक की रविवार शाम मौत हो गई। उसका नाम उदय था। यह चीता वाटरबर्ग बायोस्फीयर व्यस्क नर था। शनिवार को बिलकुल स्वस्थ था, लेकिन रविवार सुबह सुस्त मिला। उसका इलाज शुरू किया गया, शाम चार बजे उसकी मौत हो गई। मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि चीते की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम किया जाएगा।
बता दें कि कूनो में चीतों की यह दूसरी मौत है। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे। 29 मार्च को आशा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया। फिर चीतों का कुनबा बढ़कर 23 हो गया था। अब उदय की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 22 बची है।
सुबह 9 बजे बीमार मिला, लड़खड़ाकर चल रहा था
नेशनल पार्क प्रशासन के अनुसार, मॉनिटरिंग टीम ने सुबह 9 बजे चीता उदय को सुस्त अवस्था में देखा। वह सिर झुकाए बैठा था। टीम पास पहुंची तो वह लड़खड़ाकर चल रहा था। शनिवार सुबह वह बिलकुल स्वस्थ पाया गया था। इसकी जानकारी तत्काल डॉक्टरों को दी गई। टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज किया और मुख्य वन संरक्षक सिंह परियोजना को जानकारी दी गई। 11 बजे चीते को बेहोश कर उसका इलाज शुरू किया गया। उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। लेकिन शाम 4 बजे उसकी मौत हो गई। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम से ही पता चलेगा कि चीते की मौत का कारण क्या है?
27 मार्च को साशा की हुई थी मौत
बीते 27 मार्च को एक मादा चीता साशा की मौत हो गई थी। साशा की 24 जनवरी को तबीयत अचानक खराब हो गई थी। वह डीहाईड्रेशन और किडनी की समस्या से पीड़ित थी। साशा का क्रिएटिनिन स्तर 400 से ऊपर पहुंच गया था। उसे नामीबिया से 8 चीतों के साथ कूनो नेशनल पार्क लाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्मदिन पर किया था गिफ्ट
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था। इनमें पांच मादा और तीन नर चीते लाए गए थे। इसके बाद 18 फरवरी को कूनो नेशनल पार्क में साउथ अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए थे।
दिग्विजय सिंह के भाई ने साधा निशाना
कूनो में लगातार दूसरे चीते की मौत पर दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता की मृत्यु का समाचार मिला। चिंता का विषय है। प्रधान मंत्री जब स्वयं इस योजना को देख रहे हैं तो यह क्यों हो रहा है? क्या कमी है? यह योजना लाखों को रोजगार देगी, इन्हे बचाना बहुत आवश्यक है।
भोपाल से विपिन श्रीवास्तव की रिपोर्ट।यह भी पढ़ें:Same Gender Marriage: विरोध में उतरा बार काउंसिल ऑफ इंडिया, प्रस्ताव पारित कर कहा- अदालत से नहीं होगा फैसला