Ladli Behna Yojana: लाडली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिराज सिंह चौहान आज यानी 10 जून को जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सिंगल क्लिक के जरिए प्रदेश की सवा करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में पहली किस्त ट्रांसफर करेंगे। बहनें अगले दिन यानी 11 जून को इस राशि को बैंक से निकाल सकती हैं। इस योजना के तहत राज्य सरकार 1 साल में करीब 15 हजार करोड़ रुपए डालेगी।
जबलपुर में रखा गया है कार्यक्रम
लाडली बहना योजना की औपचारिक शुरुआत 5 मार्च को अपने जन्मदिन पर सीएम ने घोषणा के साथ कर दी थी। आज जबलपुर में इस योजना की लॉन्चिंग का कार्यक्रम जबलपुर में रखा गया है। इससे पहले सीएम शिवराज पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बंगले पर पहुंचे और उनसे इस योजना की शुरुआत से पहले आशीर्वाद लिया।
उमा भारती ने कहा- पहली लाडली बहना मैं हूं
मुख्यमंत्री शिवराज उमा भारती के बीच भाई-बहन के संबंध हैं। यही वजह है कि सीएम शिवराज ने सबसे पहले लाडली बहना योजना की शुरुआत में उमा भारती से आशीर्वाद लिया और मां भारती ने भी कहा कि सबसे पहली लाडली बहना मैं हूं। सीएम शिवराज इस योजना के तहत 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाओं के खातों में सिंगल क्लिक के जरिए पहली किस्त डालेंगे।
25 मार्च से शुरू हुए थे आवेदन
दरअसल, लाडनी बहना योजना की 5 मार्च को औपचारिक घोषणा के बाद 25 मार्च से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। आवेदन भरने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल रही, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाओं की पहली सूची 1 मई और अंतिम सूची 31 मई को जारी की गई। 1 जून से पात्र बहनों को स्वीकृति पत्र देने शुरू किए गए। खुद सीएम शिवराज ने घर घर जाकर महिलाओं को स्वीकृति पत्र दिए। जिसके बाद महिलाओं के खाते में शगुन के रूप में एक रुपए 1 जून डाले गए।
लाडली बहना योजना क्या है
चुनावी साल में प्रदेश सरकार ने लाडली लक्ष्मी योजना की तर्ज पर प्रदेश की महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 23 से 60 साल की विवाहित महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाएंगे। ये राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर होगी। पूरे साल में कुल 12 हजार रुपए हर एक महिला के खाते में आएंगे।
1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने कराया है पंजीयन
लाडली बहना योजना का उद्देश्य प्रदेश की मूल निवासी महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। शिवराज सरकार के अनुसार, इस योजना का लाभ विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग से जुड़ी गरीब महिलाओं को मिलेगा। इस योजना का लाभ पाने के लिए प्रदेश की 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने पंजीयन कराया है।