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कूनो चीता प्रोजेक्ट में लापरवाही आई सामने, विशेषज्ञों की जांच से हुआ खुलासा

Kuno Cheetah Project: कूनो में चीता प्रोजेक्ट में लापरवाही सामने आई है। विशेषज्ञों की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जिसमें बताया गया है कि कॉलर आईडी के इंफेक्शन की वजह से चीतों की मौत हुई है। क्योंकि यह कॉलर आईडी इन चीतों के लिए अनफिट हो रही है। क्योंकि यह कॉलर आईडी टाइगर के […]

Kuno Cheetah Project
Kuno Cheetah Project: कूनो में चीता प्रोजेक्ट में लापरवाही सामने आई है। विशेषज्ञों की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जिसमें बताया गया है कि कॉलर आईडी के इंफेक्शन की वजह से चीतों की मौत हुई है। क्योंकि यह कॉलर आईडी इन चीतों के लिए अनफिट हो रही है। क्योंकि यह कॉलर आईडी टाइगर के लिए डिजाइन की गई थी। लेकिन यह चीतों के लिए फिट नहीं हुई।

हटाई जाएगी कॉलर आईडी

कूनो पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने चीतों के गले में लगी कॉलर आईडी हटाए जाने की बात कही है। विशेषज्ञ डॉ. राजेश गोपाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई चीता स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस दौरान खुले जंगल में रह रहे सभी 10 चीतों को ट्रंकुलाइज कर फिर से बाढ़े में लाया जाएगा और इनके कॉलर आईडी हटाए जाएंगे। विशेषज्ञों ने बताया कि टाइगर की त्वचा की अपेक्षा चीतों की त्वचा बेहद लचीली होती है। ऐसे में उनके लिए यह कॉलर आईडी फिट नहीं होती है। इसी वजह से कॉलर आईडी के चलते चीतों को इनफेक्शन हो गया था। जिसके चलते चीतों की मौत भी हो गई। बता दें कि फिलहाल कर्नाटक का तीन सदस्यीय दल कूनो में जांच कर रहा है। दल में एनटीसीए बेंगलुरु आईजी एनएस मुरली, एआईजी वेणुगोपाल हिरानी शामिल है। खास बात यह है कि यह दल सीधे केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव को रिपोर्ट करेगा।

आठ चीतों की हो चुकी है मौत

बता दें कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में कुल 20 चीते लाए गए थे। जिनमें से अब तक तीन शावक समेत पांच चीतों की मौत हो चुकी है। लगातार होती चीतों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले में समीक्षा बैठक की थी।


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