Archana Tiwari Case Update: मध्य प्रदेश की अर्चना तिवारी केस में बड़ा अपडेट आया है। पुलिस जांच में खुलासा हो गया है कि अर्चना तिवारी लापता क्यों हुई थी और वह नेपाल बॉर्डर तक कैसे पहुंची? वहीं पुलिस जांच में एक साजिश का खुलासा भी हुआ है, जो उसने अपने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर रची थी। GRP पुलिस अधीक्षक (SP) राहुल लोढ़ा ने मीडिया ब्रीफिंग में अर्चना तिवारी से पूछताछ में खुले राज बताए।
अर्चना के घरवाले देख रहे थे रिश्ता
SP राहुल लोढ़ा ने बताया कि 7 और 8 अगस्त की रात को इंदौर-बिलासपुर ट्रेन में सफर कर रही अर्चना तिवारी लापता हो गई थी, जो नेपाल बॉर्डर से 13 दिन बाद बरामद हुई। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने पूरी बात बताई। अर्चना ने बताया कि घरवाले उसके लिए लड़का देख रहे थे, लेकिन वह अभी शादी नहीं करना चाहती थी। जनवरी महीने में उसकी दोस्ती सारांश चोपचेन हुई थी, जिसके साथ वह घर बसाना चाहती थी।
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अर्चना ने प्रेमी के साथ रची साजिश
अर्चना ने बताया कि शादी को लेकर उसकी परिजनों से काफी बहस हुई थी। उसने परिजनों से बहस और उनके रिश्ता तलाशने की बात सारांश को बताया। फिर सारांश और अर्चना ने घर से भागने की योजना बनाई, जिसमें तेजिंदर सिंह ने उनका साथ दिया। तीनों हरदा में मिले और प्लानिंग की कि वे एक नई पहचान के साथ नई जगह जाकर नई जिंदगी शुरू करेंगे। साथ्त ही साजिश रची कि ट्रेन से लड़की गिरने की बात फैलाएंगे।
तेजिंदर ने किया साजिश का खुलासा
तीनों ट्रेन में चढ़े और अचानक तेजिंदर ने अफवाह फैलाई कि लड़की ट्रेन से गिर गई है, जबकि सारांश और अर्चना ट्रेन से उतरकर भाग चुके थे। तेजिंदर को RPF ने पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया जांच में उस पर फ्रॉड केस दर्ज मिला तो उसे दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई। तेजिंदर ने ही पूरी साजिश का खुलासा किया। अर्चना अपना सारा सामान ट्रेन की सीट पर ही छोड़ गई थी, ताकि सभी को लगे कि वह भागी नहीं, बल्कि गिर गई है।
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राखी पर घर आ रही थी अर्चना तिवारी
पुलिस के अनुसार, जब विवाद तूल पकड़ने लगा तो अर्चना और सारांश ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया था और इसलिए वे नेपाल तक पहुंचे थे। वे नेपाल के रास्ते किसी दूसरे देश में जाने की तैयारी में थे। बता दें कि अर्चना तिवारी 7 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन मनाने के लिए अपने घर कटनी जाने के लिए इंदौर-बिलासपुर-नर्मदापुरम एक्सप्रेस में चढ़ी थी। वह ट्रेन के AC कोच (B3) में सवार हुई थीं, लेकिन घर तक नहीं पहुंची, बल्कि रास्ते में ही लापता हो गई थी।
नर्मदा ब्रिज के पास थी आखिरी लोकेशन
पुलिस ने जांच की तो अर्चना की आखिरी लोकेशन भोपाल के नर्मदा ब्रिज के पास मिली थी। यह ब्रिज रानी कमलापति स्टेशन और नर्मदापुरम स्टेशन के बीच है। इसके बाद अर्चना का फोन स्विच ऑफ हो गया था। तेजिंदर के खुलासे के बाद कटनी पुलिस ने सर्विलांस और साइबर सेल के सहयोग से अर्चना की लोकेशन ट्रेस की, जो नेपाल बॉर्डर पर मिली। अर्चना को नेपाल बॉर्डर के पास उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी इलाके से सारांश के साथ पकड़ा गया है।
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