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MP Politics: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिखाए तीखे तेवर, वादाखिलाफी करने वाली कोई भी सरकार हो…

MP Politics: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अब महज 9 महीने से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में नेताओं ने सियासी फील्डिंग जमानी शुरू कर दी है। 2023 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव कई मायनों ने खास है। क्योंकि बीजेपी-कांग्रेस के साथ-साथ यह चुनाव सूबे के कुछ नेताओं की प्रतिष्ठा से […]

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MP Politics: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अब महज 9 महीने से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में नेताओं ने सियासी फील्डिंग जमानी शुरू कर दी है। 2023 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव कई मायनों ने खास है। क्योंकि बीजेपी-कांग्रेस के साथ-साथ यह चुनाव सूबे के कुछ नेताओं की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है, जिनमें एक नाम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी है। ऐसे में दोनों तरफ से अब जमकर बयानबाजी शुरू हो गई है।

वादाखिलाफी करने वालों को धूल चटाई

शिवपुरी जिले में आयोजित एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। सिंधिया ने कहा कि 'वादाखिलाफी करने वाली कोई भी सरकार हो, उसको धूल चटा दूंगा। मैंने इसलिए बीजेपी की सरकार बनाने में जी जान लगा दी थी। क्योंकि 2018 में कांग्रेस की जो सरकार बनी थी। वह अपने वादों और इरादों पर खरी नहीं उतरी थी।'

मैं पद का भूखा नहीं हूं

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 'छल-कपट के खिलाफ हम हमेशा खड़े रहे हैं। मेरी आजी अम्मा यानि राजमाता विजयराजें सिंधिया ने भी छल कपट करने वाली डीपी मिश्रा की सरकार को गिराया था और यही काम मैंने भी मध्य प्रदेश में करके दिखाया। लेकिन मैं पद का भूखा नहीं हूं, क्योंकि सिंधिया परिवार हमेशा जनसेवा के लिए खड़ा रहा है। सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की बात को दौहराते हुए कहा कि इस बार आर या पार।'

सिंधिया ने साधा कांग्रेस पर निशाना

सिंधिया ने इस दौरान बीती सरकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2003 वाली सरकार को कोई नहीं भूलेगा, इसलिए 2023 के विधानसभा चुनाव में 2003 वालों को लॉक कर दिया जाएगा, क्योंकि इन्हें आगे नहीं बढ़ने देना है, यह केवल चुनाव के वक्त ही सामने आते हैं।' बता दें कि सिंधिया का यह निशाना दिग्विजय सिंह की तरफ था, क्योंकि 2003 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जिसके मुखिया दिग्विजय सिंह थे। सिंधिया का यह बयान प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

सिंधिया का चुनाव का अहम चेहरा

दरअसल, 2018 में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। लेकिन सिंधिया की बगावत की वजह से सरकार 15 महीने में ही गिर गई थी। ऐसे में अब जब सिंधिया बीजेपी में हैं और केंद्र में मंत्री भी है। ऐसे में 9 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। क्योंकि सिंधिया को अपने फैसले को सही साबित करना है तो उन्हें विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करना होगा। ऐसे में सिंधिया अब खुलकर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं।


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