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MP: कोचिंग संस्थाओं को कानून के दायरे में लाने वाली याचिका पर High Court ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब

Indore HC seeks response Central and State Government: इंदौर हाई कोर्ट में कोचिंग संस्थाओं को कानून के दायरे में लाने वाली जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यहां कोचिंग संचालकों द्वारा मन मर्जी फीस वसूल कर एक ही शिक्षक द्वारा 50 […]

Indore HC seeks response Central and State Government: इंदौर हाई कोर्ट में कोचिंग संस्थाओं को कानून के दायरे में लाने वाली जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यहां कोचिंग संचालकों द्वारा मन मर्जी फीस वसूल कर एक ही शिक्षक द्वारा 50 से अधिक बच्चों को लाख रुपये फीस के बावजूद एक साथ पढ़ाया जाता है।

मन मर्जी की वसूली जाती है फीस

मध्यप्रदेश सहित पूरे देश मे कोचिंग संस्थाओं द्वारा मन मर्जी की फीस वसूली जाती है, जिसमें बच्चों से लाखों रुपये कुछ महीनों व एक वर्ष के वसूल किए जाते हैं और एक बच्चे को 13 घंटे एक संस्था में परीक्षाओं की तैयारी के नाम पर मशीन में परिवर्तित कर दिया गया है। इन कोचिंग संस्थाओ के स्वयं के नियम कायदे हैं और ये स्वयं को शासन-प्रशासन से ऊपर समझते हैं। इनको नियंत्रित करने के लिए न तो कोई नियम है और न ही कोई कानून। यह भी पढ़ें- MP: 32 फीट ऊंची दीवार फांदकर दो कैदी फरार, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

नोटिस जारी कर मांगा गया है जवाब

इन कोचिंग संस्थाओं को कानून के दायरे मे लाने के लिए इंदौर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रवर बार्चे द्वारा उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका अमन मालवीय विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया ने बहस की, जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर जस्टिस सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी एवं जस्टिस प्रणय वर्मा की डिवीजन बेंच ने यूनियन ऑफ इंडिया व मध्यप्रदेश शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जहां कोचिंग संस्थानों को नियमित दायरा तय करना होगा।  


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