भारतीय रेलवे एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। भारतीय रेलवे के पास मुंबई की लोकल ट्रेन से लेकर हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन तक है। देश के विकास को गति देने के लिए भारतीय रेलवे काफी काम करता है, जिसमें अब प्राइवेट सेक्टर भी उनकी मदद कर रहा है। क्या आपको पता है कि देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन कौन-सा है? हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन की।
देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य के कई पुराने बुनियादी ढांचों का पुनर्विकास किया जा रहा है। इसी के तहत भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का भी पुनर्विकास किया गया है। हबीबगंज रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट को लेकर भारत ने रेलवे की बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ी छलांग लगाई है। यह भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन है, जिसे प्राइवेटली मैनेज किया जाता है। इस स्टेशन को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत संचालित किया जाता है।
भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना
इस स्टेशन का रिडेवलपमेंट प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म बंसल ग्रुप ने भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (IRSDC) के सहयोग से किया था। इस स्टेशन के रिडेवलपमेंट भारतीय रेलवे की एक महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत देश भर के प्रमुख स्टेशनों को निजी निवेश के जरिए एडवांस बनाया जा रहा है।
बदला गया रेलवे स्टेशन का नाम
मध्य प्रदेश सरकार ने नवंबर 2021 में इस हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया था। स्टेशन का कोड भी HBJ से बदलकर RKMP कर दिया गया। वहीं, इस स्टेशन का संचालन और रखरखाव प्राइवेट सेक्टर द्वारा किया जाता है। हालांकि, इसका स्वामित्व भारतीय रेलवे के पास रहता है। यह पीपीपी मॉडल नेशनल कंट्रोल से समझौता किए बिना बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करता है।
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मिलता है एयरपोर्ट जैसा अनुभव
इस स्टेशन पर लोगों को लार्ज मीटिंग रूम, वेटिंग रूम, मॉडर्न फूड कोर्ट, रिटेल आउटलेट, सोलर पैनल के साथ एनर्जी एफिशिएंट डिजाइन, हाईटेक सर्विलांस और सिक्योरिटी सिस्टम के साथ एयरपोर्ट जैसा अनुभव मिलता है। रानी कमलापति स्टेशन या हबीबगंज रेलवे स्टेशन भारत में स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का बेंचमार्क बन गया है। बता दें कि नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई सीएसटी जैसे स्टेशनों पर भी इसी तरह के बदलाव की योजना बनाई जा रही है।