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Gwalior Zoo से उल्लू, अजगर, लंगूर लिया गोद, वादा कर भी भरी नहीं फीस

Gwalior Zoo : ग्वालियर चिड़ियाघर में जानवरों को गोद लेने की बात कहने वाले अधिकारी और नेता बेपरवाह दिखाई दे रहे हैं। जानवरों को गोद लेने की प्रक्रिया महीनों बाद भी पूरी नहीं की गई है।

Gwalior Zoo : ग्वालियर चिड़ियाघर में दूर-दराज से पर्यटक पहुंचते हैं। इस चिड़ियाघर में 550 से अधिक प्रजातियों के जानवर और पक्षी मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर के रख-रखाव पर भी बड़ा खर्च आता है। इस खर्च के बोझ कम करने के लिए एक पहल शुरू की गई थी, जिसके तहत इच्छुक लोग एक राशि जमा कर जानवरों को गोद ले सकते हैं लेकिन इस प्रकिया के लिए अधिकारी और नेता सजग नहीं दिखाई दे रहे हैं। जब ग्वालियर चिड़ियाघर में जानवरों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, तब कई नेता और अधिकारी आगे आए थे और जानवरों को गोद लेने की बात कही थी। इसके बाद अधिकतर नेता और अधिकारी अपने इस वादे को भूल गए और गोद लेने की प्रक्रिया को पूरा करने ही नहीं पहुंचे।

किसने क्या लिया था गोद?

नगर निगम सभापति मनोज सिंह तोमर ने एक घड़ियाल, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने अजगर, निगम आयुक्त अमन वैष्णव ने मोर, जनसंपर्क अधिकारी पवन शर्मा ने बंदर, डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर अतिवल सिंह यादव ने उल्लू, कार्यशाला प्रभारी पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने कछुए को गोद लिया था। इसके साथ ही कार्यपालन यांत्रिक श्रीकांत कांटे ने हिरण, चिड़ियाघर प्रभारी डॉक्टर उपेंद्र यादव ने लंगूर और क्यूरेटर गौरव परिहार ने कोबरा सांपों को गोद लिया था। नगर निगम ग्वालियर के डिप्टी कमिश्नर डॉ अतिबल सिंह यादव ने कहा कि बीते दशहरे के दौरान गोद लेने के लिए यह सभी नाम आगे आए लेकिन इसके बाद उन्होंने जानवरों को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी ही नहीं की। प्रक्रिया पूरी करने के लिए तय की गई राशि जमा करानी थी लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं। प्रभारी डॉ उपेंद्र यादव का कहना है कि जिम्मेदारों की उदासीनता से कहीं ना कहीं इस अभिनव प्रयास पर असर पड़ा है। डॉ उपेंद्र यादव ने बताया कि सभापति मनोज सिंह तोमर ,नगर निगम कमिश्नर अमन वैष्णव, क्यूरेटर गौरव परिहार के द्वारा राशि जमा कर दी गई है लेकिन अधिकतर लोगों में जागरूकता दिखाई नहीं दे रही है।

किस जानवर के लिए कितनी राशि?

ग्वालियर चिड़ियाघर में घड़ियाल को गोद लेने के लिए 54,000 रुपये, अजगर के लिए 5,400, मोर के लिए 7, 200, बंदर के लिए 23, 400 और उल्लू के लिए 28, 800 रुपये की राशि सालाना तय की गई है। इसके अलावा दो कछुए 3, 600, हिरण के लिए 36, 000, लंगूर के लिए 23, 400 और कोबरा सांप के लिए 10, 800 रुपये की राशि तय है।


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