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इंदौर पर गंदगी का कलंक… देश के सबसे स्वच्छ शहर के नलों में आया दूषित पानी, 5 लोगों की मौत, 40 से ज्यादा बीमार

मप्र की आर्थिक राजधानी पिछले 8 सालों से लगातार देश में सबसे स्वच्छतम शहर का खिताब जीत रही है। अब सबसे स्वच्छ शहर पर गंदगी का ही ऐसा कलंक लगा है जिसने सबको हिला दिया है। इंदौर की एक कॉलोनी में गंदा पानी आया। इससे 5 लोगों की मौत हो गई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

मप्र में लापरवाही की हद देखने को मिली है। देश में लगातार 8 सालों सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीतने वाला शहर इंदौर अब स्वच्छ पानी को लेकर बदनाम हो गया है। देश का सबसे स्वच्छ शहर और वॉटर प्लस का तमगा हासिल कर चुका इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से एक-एक कर 5 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि सरकार ने अधिकारिक तौर पर 3 मौत की पुष्टि की है, अभी करीब 40 लोग बीमार हैं। CM मोहन यादव ने मामले में नगर निगम के दो अधिकारियों को निलंबित और एक को बर्खास्त किया है। मृतक परिवार को 2-2 लाख मुआवजे की घोषणा की है।

बता दें कि बीते कई दिनों से क्षेत्र के रहवासी नलों से गंदा और बदबूदार पानी आने की शिकायत कर रहे थे, लेकिन समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि 24 दिसंबर से उल्टी-दस्त की शिकायतें तेजी से बढ़ने लगीं और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए।

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मृतकों में भागीरथपुरा निवासी सीमाबाई प्रजापत, उर्मिला यादव और 75 वर्षीय नंदलाल पाल शामिल हैं। परिजनों के अनुसार, दूषित पानी पीने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ी और तेज उल्टी-दस्त के कारण महिलाओं की हालत गंभीर हो गई। एक महिला की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई, जबकि दूसरी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
नंदलाल पाल को 28 दिसंबर को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद वर्मा नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।

डॉक्टरों ने नंदलाल पाल की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया है। मेडिकल हिस्ट्री में उनके ब्लड प्रेशर की समस्या और नियमित दवा न लेने की बात सामने आई है। हालांकि परिजनों का कहना है कि दूषित पानी पीने के बाद ही उनकी हालत बिगड़ी थी। इसी तरह महिलाओं के परिजन भी मौत का सीधा संबंध गंदे पानी से जोड़ रहे हैं।

नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच में गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिस मुख्य पाइपलाइन से पूरे भागीरथपुरा में पानी सप्लाई होता है, उसी के ऊपर सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है। मुख्य लाइन में लीकेज के कारण ड्रेनेज सीधे पेयजल लाइन में मिल रहा था। इसके अलावा इलाके में कई जगह जल वितरण लाइन टूटी हुई मिली, जिससे गंदा पानी घरों तक पहुंचता रहा। नई पाइपलाइन लगाने के लिए 4 महीने पहले ही टेंडर हो गए थे ढाई करोड़ की लागत से बनने वाली मेल लाइन के टेंडर पर ध्यान ही नहीं दिया.

भागीरथपुरा क्षेत्र प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र इंदौर-एक में आता है। मामला गंभीर होने के बाद मंत्री देर रात वर्मा और त्रिवेणी अस्पताल पहुंचे और मरीजों व परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी मरीजों का इलाज सरकार के खर्च पर कराया जाएगा और जिन लोगों ने इलाज के लिए पैसे जमा किए हैं, उन्हें रिफंड मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को इलाज में किसी तरह की कमी न रखने के निर्देश दिए हैं। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि क्षेत्र से 70 से अधिक पानी के सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं और जल्द ही नतीजे सामने आएंगे।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक तीन मौतों की पुष्टि हुई है और विस्तृत जानकारी स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त की जा रही है। घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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