TrendingPollutionLionel Messinitin nabin

---विज्ञापन---

MP का ये ग्रीन एनर्जी प्लांट बेकार पराली से बनाएगा बिजली, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताई खासियत

Deputy CM Rajendra Shukla Review Meeting: कमिश्नर कार्यालय सभागार रीवा में आयोजित समीक्षा बैठक में हिनौती गौधाम में शेड निर्माण का काम शुरू करने के निर्देश दिए।

Deputy CM Rajendra Shukla Review Meeting
Deputy CM Rajendra Shukla Review Meeting: उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कमिश्नर कार्यालय सभागार रीवा में बैठक में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा,सतना और मऊगंज जिलों में बाण सागर बाध की नहरों से सिंचाई के बाद धान और गेंहू का विपुल उत्पादन हो रहा है। ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित होने से किसानों की कम उपजाऊ और परती जमीनों से भी लाखों की आय होगी। ग्रीन एनर्जी प्लांट में धान के पैरे (पराली) से बिजली और ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनायी जायेगी। रीवा जिले में तीन ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाने के लिए पराली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। गुढ़ में प्रस्तावित ग्रीन एनर्जी प्लांट का कार्य तत्काल शुरू करें। इस प्लांट के लिए कच्चा माल पराली और कम उपजाऊ क्षेत्र में नेवियर घास उगाकर आसानी से उपलब्ध हो जायेगा। कंपनी सर्वे का कार्य शीघ्र पूरा करके वास्तविक निर्माण कार्य शुरू करायें। इस प्लांट की स्थापना से जिले में नरवाई जलाने और पराली के समस्या का भी समाधान होगा। किसान के लिए अब धान के साथ-साथ उसका पैरा भी आमदनी देगा। मऊगंज जिले में प्लांट के लिए एक हजार हेक्टेयर की जमीन उपलब्ध है। जमीन प्राप्त करने तथा प्लांट के लिए 7 दिन में आवेदन करें। गुढ़ में दो और सिरमौर में एक प्लांट लगाने की कार्य योजना को मूर्त रूप दें। बैठक में कलेक्टर मऊगंज ने बताया कि ग्रीन एनर्जी प्लांट के लिए बदवार सीतापुर रोड में एक हजार हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। इसमें से 95% जमीन निजी भूमि है। किसान अच्छी आय प्राप्त होने पर सरलता से दे देंगे। किसानों से अनुबंध के आधार पर जमीनें मिल जायेगी। कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने बताया कि तीन प्लांट लगाने के लिए पर्याप्त पराली उपलब्ध है। गेंहू के फसल अवशेष तथा वनों से प्राप्त अनुपयोगी पौधों का भी ग्रीन एनर्जी प्लांट में इस्तेमाल किया जा सकता है। गुढ़ प्लांट को सीधी जिले के धान उत्पादक चुरहट और रामपुर नैकिन क्षेत्र के रीवा से जुड़े हुए गांव से भी पराली मिल जायेगी। कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा ने बताया कि नगौद में ग्रीन एनर्जी प्लांट का कार्य जारी है।

ग्रीन एनर्जी प्लांट के लिए सर्वे 

बैठक में रिलायंस ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के प्रतिनिधि अशोक खरे तथा विजित झा ने बताया कि हमारी कंपनी रीवा और सतना जिले में दस ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित करना चाहती है इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। प्लांट में कच्चे माल के रूप में गेंहू और धान के फसल अवशेष पराली का इस्तेमाल किया जाएगा। एक प्लांट के लिए 22 हजार मैट्रिक टन पराली की जरूरत होगी। पराली के साथ परती तथा अनुपयोगी जमीन पर आसानी से उगने वाली नेपियर घास का भी कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाएगा। ग्रीन एनर्जी प्लांट से कम्प्रेस, बायोगैस, हाइड्रोजन तथा मैथेलान का प्रोडक्शन होगा। इससे जैविक खाद का भी बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन होगा। किसानों की पराली को कम्प्रेस करके कच्चा माल के रूप में बनाने के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी। इससे रोजगार का भी सृजन होगा। किसानों की परती और कम उपजाऊ जमीन भी अच्छा लाभ देगी। किसानों से अनुबंध के आधार पर नेपियर घास की खेती कराई जाएगी। ग्रीन एनर्जी प्लांट ऊर्जा उत्पादन के साथ किसानों की तकदीर भी बदल देगा। कमिश्नर बीएस जामोद, डिप्टी कलेक्टर श्रेयस गोखले, उप संचालक पशुपालन डॉ. राजेश मिश्रा, क्षेत्रीय प्रबंधक औद्योगिक विकास निगम यूके तिवारी, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत संजय सिंह और अधिकारी मौजूद रहे। ये भी पढ़ें-  ‘रोजगार-नौकरी के लिए मध्य प्रदेश के युवाओं को नहीं जाना होगा बाहर’, मुख्यमंत्री मोहन यादव का दावा


Topics:

---विज्ञापन---