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छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री का बयान, SDM बोले-डाक्टर दोषी मिले तो एक्शन तय

Chhindwara Nine Children Death inside story: मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से 9 बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 12 दवाइयां के सैंपल भेजे थे तीन दवाइयां की जांच रिपोर्ट आई है उसमें ऐसे तत्व नहीं जिसे कहा जा सके मौत इन दवाइयां के कारण हुई.

Chhindwara Nine Children Death inside story: मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा जिले में 9 बच्चों की मौत के बाद कफ सिरप बैन करने पर स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि यह बात सही है कि बच्चों की मौत हुई है लेकिन उसका कारण क्या है यह NERI भारत सरकार की लैब जांच कर रही है. उसकी रिपोर्ट लेने के हम प्रयास कर रहे हैं शाम तक उसकी फाइनल रिपोर्ट आएगी तभी यह समझ में आएगा कि कफ सिरप के कारण हुआ या किसी और दवाई के कारण हुआ.

सिरप तो मार्केट में नहीं आता जब कभी दवाइयां के लोट में कोई ऐसी गड़बड़ी जिसके अंदर परेशानी आती है जब तक उसकी जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक यह कहना संभव नहीं. शुरू में यह उम्मीद की गई थी यह कफ सिरप के कारण नहीं हुआ है तीन दवाइयां कि जब रिपोर्ट आई थी इन दवाइयां के कारण मौत का कारण नहीं है, लेकिन अभी बाकी 9 या 10 दवाइयां ऐसी है जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है जो शाम तक आएगी, उन दवाइयां की रिपोर्ट जब आएगी तब कहना संभव होगा.

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क्या बोले जिले के परासिया एसडीएम शिवम यादव

छिंदवाड़ा में हुई 9 बच्चों की मौत पर एसडीएम शिवम यादव ने कहा कि हमारे पास 13 बच्चे एडमिट थे, जिसमें 9 बच्चों की मौत हुई. चार बच्चे हमारे जिला अस्पताल में भर्ती है जिनमें से दो की स्थिति ठीक है और दो ट्रीटमेंट में हैं. आठ नागपुर में है जिनमें से पांच बच्चे बेहतर हालात में है तीन का इलाज जारी है. दिल्ली और भोपाल से जो बायोप्सी की रिपोर्ट आई थी उसमे कन्फ्यूजन चल रहा है एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम किडनी इन्फेक्शन AKI एक्यूट किडनी इंजरी बायोप्सी से पता चला किडनी से संबंधित बीमारी है. CSIR की रिपोर्ट नॉर्मल आ चुकी है.

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सीडीसी की स्टडी में पहले 2022 भी आया था विदेश में दवा इंडिया से भेजी गई थी वहां पर भी छोटे-छोटे बच्चों के साथ ऐसा हुआ था सिमटेम भी वैसे ही देखने मिले थे,इसमें क्रिटनीन बढ़ गया था, पेशाब रुकने की समस्या आ रही थी डायलिसिस अटेम्प्ट किया था लेकिन उससे फायदा नहीं हुआ. ऐसा ही पैटर्न हमारे यहां दिख रहा है.

डॉक्टर की गलती मिली तो कार्रवाई करेंगे

2022 की फाइंडिंग में निकाल कर आया था कि कोई बच्चों की दवाई थी पीडियाट्रिक यानी बच्चों की दवाई थी इंडिया में मैन्युफैक्चर हो रही थी जिसमें कॉन्टेमिनेशन पाया गया था वह भी इंडिया में मैन्युफैक्चर थी इसलिए बचाव के आधार पर हमने कार्रवाई की. सिरप कंपनी वालों पर कार्रवाई तब होगी जब सिद्ध हो जाएगा की उसी की वजह से हुआ है अभी हम बचाव के मोड़ में है उस दवाई की बिक्री रोक दिए. सैंपल हमने ड्रग इंस्पेक्टर को भेज दिए हैं.

अगर सिद्ध होता है कि डॉक्टर की गलती से हुआ है तो हम कार्रवाई करेंगे. परासिया में 274000 बच्चे हैं जिनमें से 25000 बच्चे 5 साल से कम है हमने उनकी स्क्रीनिंग शुरू कर दिए इनमें से 4000 बच्चों को हमने चिन्हित किया है जो किसी न किसी स्टेज पर खासी सर्दी जुकाम तो नहीं है उनकी रिपोर्ट नॉर्मल है


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