Tabrez Ansari Lynching Case: झारखंड में वर्ष 2019 में भीड़ ने तबरेज अंसारी की हत्या (Tabrez Ansari Lynching Case) कर दी थी। हत्या के चार साल बाद सरायकेला की एक अदालत ने बुधवार को सभी दस दोषियों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत 10 साल की जेल की सजा सुनाई।
13 आरोपियों के खिलाफ थे आरोप
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस मामले में 13 आरोपियों में से दस को झारखंड की सरायकेला कोर्ट ने दोषी करार दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभियोजन पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन ने बताया कि दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया, जबकि एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार, घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। इस मामले में लापरवाही को लेकर दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया था। जबकि मामले में प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल, कमल महतो, सुनामो प्रधान, प्रेमचंद महली, सुमंत महतो, मदन नायक, चामू नायक, महेश महली, कुणाल महली, सत्यनारायण नायक, भीम सेन मंडल, विक्रम मंडल और अतुल महली को गिरफ्तार किया गया था।
इस दिन हुई थी वारदात
बताया गया है कि 17-18 जून, 2019 की रात को धतकीडीह गांव में एक घर में कथित तौर पर चोरी के आरोप में 24 वर्षीय तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। 18 जून को ग्रामीणों ने उसे पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। इसके बाद 22 जून की सुबह इलाज के दौरान तबरेज की मौत हो गई थी।
तबरेज की पत्नी ने दर्ज कराया था केस
घटना के बाद तबरेज की पत्नी साहिस्ता परवीन ने प्रकाश मंडल और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। जांच के दौरान पुलिस ने 12 अन्य आरोपियों के नाम जोड़े थे। जांच के दौरान पुलिस ने झारखंड के सरायकेला-खरसावां में तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप हटा दिए, क्योंकि अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया गया था।
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पुलिस ने विवेचना के दौरान बदली धारा
रिपोर्टों के अनुसार, तबरेज अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें मामले में पहले की धारा 302 (हत्या) के बजाय भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमा शुरू करने की सिफारिश की गई है।
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