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झारखंड: JMM से ज्यादा वोट, फिर BJP का किसने बिगाड़ा खेल? रिव्यू मीटिंग में सामने आए 4 कारण

Jharkhand Election Result: झारखंड में हार के बाद बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने रांची में हारे हुए उम्मीदवारों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार ने लिखित में हार के कई कारण गिनाए।

Jharkhand Election BJP Review Meeting
Jharkhand BJP Review Meeting: झारखंड में बीजेपी की हार राजनीति विश्लेषकों और स्वयं बीजेपी के नेताओं को भी नहीं पच रही है। पार्टी ने चुनाव में 33 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए जोकि झामुमो से 10 प्रतिशत ज्यादा है। इसके बावजूद पार्टी को सिर्फ 21 सीटों पर जीत मिली। इस बीच रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में हारे हुए उम्मीदवारों को बुलाकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष समेत पार्टी की राज्य इकाई के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में शामिल होने आए अधिकांश नेताओं ने अपनी हार के लिए अपने ही दल के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत वोट हासिल हुए। जोकि बीजेपी और उसके सहयोगियों के लिए बड़ा झटका रहा। ऐसे में आइये जानते हैं बीजेपी के हारे उम्मीदवारों ने हार के क्या कारण बताए?

1. निर्दलीयों ने बिगाड़ा खेल

कई सीटों पर बीजेपी को भितरघात का सामना करना पड़ा। टिकट की आस लगाए नेताओं को जब टिकट नहीं मिल तो कई प्रत्याशियों ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया। बीजेपी संगठन ने भी निर्दलीयों को मनाने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। हालांकि कई मौकों पर बीजेपी के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा निर्दलीयों को मनाने गए थे, लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली। नतीजा पार्टी को बड़े अंतर से हार मिली।

2. कई सीटों पर चली कैंची

बीजेपी के क्दावर नेताओं ने बताया कि छोटा नागपुर क्षेत्र में पार्टी हमेशा से मजबूत रही है। इस क्षेत्र की 18 में से आधी से ज्यादा सीटें बीजेपी हार गई। पार्टी के प्रत्याशियों ने बताया कि अधिकांश सीटों पर जयराम महतो की पार्टी ने बीजेपी के वोट काटे। इससे भी पार्टी को नुकसान हुआ। जयराम महतो बेरोजगारी की मांग को लेकर प्रदेश में प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन संथाल क्षेत्र में उनकी गैरमौजूदगी का असर झामुमो पर पड़ा जबकि छोटा नागपुर में उनकी मौजूदगी बीजेपी के लिए विलेन साबित हुई। 3. घुसपैठ का मुद्दा सेल्फ गोल: हारे प्रत्याशियों ने घुसपैठ के मुद्दे को भी बड़ा कारण माना। बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को खदेड़े जाने का डर था, ऐसे में उन्होंने बड़ी संख्या में झामुमो के लिए वोट किया। इससे हेमंत सरकार के खिलाफ जो एंटी इंकमबेंसी थी, वो बेअसर हो गई। ये भी पढ़ेंः किसानों का दिल्ली मार्च स्थगित, दलित प्रेरणा स्थल पर करेंगे प्रदर्शन, जानें आगे का प्लान 4. मईयां सम्मान योजना:  समीक्षा बैठक के दौरान कुछ प्रत्याशियों ने कहा कि मईयां सम्मान योजना भी उनके हार के प्रमुख कारणों में से एक हैं। बीजेपी प्रत्याशियों का यह कारण कहीं न कहीं आकड़ों में भी नजर आया। चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो इस बार महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया। वहीं झारखंड की 81 में से 68 सीटें ऐसी थी जहां महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक मतदान किया। ये भी पढ़ेंः अजित पवार नाराज, BJP ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक; जानें महाराष्ट्र में क्या चल रहा है?


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