Amit Hansda Key facts wanted maoist killed in jharkhand: झारखंड के चाईबासा में जिला पुलिस और कोबरा बटालियन के सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया नक्सली 10 लाख रुपये का इनामी अमित हांसदा था। झारखंड पुलिस और आईजी ऑपरेशन के प्रवक्ता माइकलराज एस ने इसकी पुष्टि की। अमित हांसदा मूल रूप से बोकारो का रहने वाला था अधिकारियों ने कहा कि उनका खात्मा क्षेत्र में माओवादी आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण झटका था। वह लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था।
कितना कुख्यात था अमित हांसदा?
अमित हांसदा की एनकाउंटर में मौत नक्सल विरोधी अभियान में झारखंड पुलिस और कोबरा फोर्स की बड़ी सफलता है। हांसदा पर जिले भर में हिंसा से जुड़े कई मामले दर्ज थे। हांसदा कई योजनाबद्ध हमलों में शामिल था, जिससे क्षेत्र में तनाव बना रहता था। सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की एक संयुक्त टीम ने कथित तौर पर खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सली एक बड़े हमले की योजना बना रहे हैं। इसके बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के दौरान सुबह 6 बजे ही मुठभेड़ शुरू हो गई। वहां कई नक्सली मौजूद थे।
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सारंडा जंगलों में हुई मुठभेड़ में हांसदा की मौत
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगलों में पहुंचने पर टीम पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। जब नक्सलियों को महसूस हुआ कि सुरक्षाबलों की संख्या अधिक है तो वे जंगल में भाग गए। हालांकि, दस लाख के इनामी नक्सली अमित हांसदा को मारने में जवानों को कामयाबी मिली है। हांसदा पर जिले भर में हिंसा से जुड़े कई मामले दर्ज थे और उसका मारा जाना नक्सल विरोधी अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है।
सुरक्षा बलों द्वारा की गई तलाशी में हांसदा का शव, हथियार और अन्य सामग्री बरामद हुई। पिछले महीने 13 अगस्त को सुरक्षा बलों ने चाईबासा जिले के पोस्ता जंगल में एक मुठभेड़ में एक अन्य नक्सली कमांडर अरुण को मार गिराया था।
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