Himachal Deputy CM Mukesh Agnihotri: हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेते ही मुकेश अग्निहोत्री एक्शन में आ गए। उन्होंने कहा कि हम पहली कैबिनेट बैठक में जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करेंगे। पुरानी पेंशन योजना बहाल होगी...पहले लोग कहते थे कि कांग्रेस किसी भी राज्य में सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन आज हमने बीजेपी का 'रथ' बंद कर दिया है।
बता दें कि शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम जबकि मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम बनने से पहले मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के महासचिव और अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे 10वीं विधानसभा में मुख्य संसदीय सचिव और हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
वहीं, शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार्यक्रम खत्म होने के बाद कहा कि हमने जो भी वादा किया है उसे जल्द से जल्द लागू करना चाहते हैं।
पत्रकार से डिप्टी सीएम बनने तक का ऐसा रहा है सफर
हिमाचल के हरोली विधानसभा से विधायक चुने गए मुकेश अग्निहोत्री का करियर एक पत्रकार के रूप में शुरू हुआ था। पंजाब के संगरूर जिले में 9 अक्टूबर 1962 को मुकेश अग्निहोत्री का जन्म हुआ था। हिमाचल के ऊना जिले से उनकी पढ़ाई हुई है। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने गणित से MSC किया है।
MSC करने के बाद मुकेश अग्निहोत्री ने जनसंपर्क से डिप्लोमा किया और फिर जर्नलिस्ट बन गए। राजनीति में एंट्री से पहले उन्होंने 10 साल तक संवाददाता के रूप में काम किया।
पूर्व सीएम की सलाह ने डिप्टी सीएम की कुर्सी तक पहुंचा दिया
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह ने मुकेश अग्निहोत्री को राजनीति में आने की सलाह दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीरभद्र सिंह ने 2003 में मुकेश अग्निहोत्री को संतोखगढ़ से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। इसके बाद मुकेश अग्निहोत्री ने वीरभद्र सिंह की सलाह मानते हुए चुनाव लड़ा और जीत भी गए।
2007 के विधानसभा चुनाव में भी अग्निहोत्री को जीत मिली। 2008 में परिसीमन के बाद संतोखगढ़ को हरोली विधानसभा सीट में बदल दिया गया। 2012 में वे यहां से तीसरी बार विधायक चुने गए। इसके बाद वे वीरभद्र सिंह की सरकार में मंत्री बनाए गए। अग्निहोत्री को साल 2018 में विपक्ष का नेता बनाया गया था।