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सेहरा से पहले सजी अर्थी, निशानेबाजी में सोने पर निशाना लगाने वाला श्रीनगर में शहीद

Haryana Panipat News : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में सेहरा बंधने से पहले ही पानीपत के जवान की अर्थी सज गई। घर में खुशी मातम में बदल गई। वे निशानेबाजी में गोल्डमेडलिस्ट थे।

श्रीनगर में पानीपत का जवान शहीद।
Haryana Panipat News : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों से मुठभेड़ में पानीपत के जवान सत्यजीत ने सर्वोच्च बलिदान दिया। सेहरा बंधने से पहले ही उसकी अर्थी सज गई। घर में शादी की तैयारी चल रही थी, लेकिन उससे पहले बेटे के शहीद होने की खबर से पूरे गांव में मातम छा गया। पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से श्रीनगर से दिल्ली आ गया है और आज दिल्ली से पैतृक गांव शेरा भेजा जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। पानीपत के जवान सत्यजीत की 5 अप्रैल को शादी होने थी, इसलिए वे छुट्टी पर अपने घर गए थे। शादी के वक्त ज्यादा भागदौड़ न पड़े, इसलिए जवान ने शादी के कपड़े खरीद लिए थे। 3 दिन पहले ही 9 फरवरी को सत्यजीत छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे और अचानक से परिजनों को 11 फरवरी को खबर मिली कि बेटा शहीद हो गया, जिससे खुशी गम में बदल गई। यह भी पढे़ं : ‘घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा…’, कारण बताओ नोटिस पर और क्या बोले अनिल विज? शूटिंग में गोल्डमेडलिस्ट थे सत्यजीत पिता सज्जन सिंह के अनुसार, स्पोर्ट्स कोटे से 6 साल पहले सत्यजीत सेना में भर्ती हुए थे और 2 साल पहले प्रमोशन से सिपाही से हवलदार बन गए थे। भारतीय सेना में भर्ती होने से पहले शूटिंग में सत्यजीत नेशनल लेवल पर खिलाड़ी थे और जवान ने गोल्ड मेडल पर निशाना लगाया था। हाल ही उन्हें आर्मी कमांडर पत्र से भी सम्मानित किया गया था। पिता से प्रभावित होकर सेना में भर्ती हुए थे सत्यजीत सत्यजीत के पिता सज्जन सिंह खुद भी भारतीय सेना में थे और 8 साल पहले सूबेदार के पद से रिटायर हुए थे। बेटा अपने पिता से प्रभावित था। उसका भी अपने पिता जैसे ही देश की सेवा करने का सपना था। यही वजह है कि स्पोर्ट्स में नेशनल लेवल के खिलाड़ी होने के बाद भी सत्यजीत ने सेना में जाना पसंद किया। यह भी पढे़ं : दिल्ली से पानीपत केवल 1.5 घंटे में, जानें Namo Bharat कॉरिडोर से जुड़ी हर डिटेल पैतृक गांव मे आज होगा अंतिम संस्कार सत्यजीत के माता-पिता बेटे के पार्थिव शरीर को लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं और उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव शेरा में होगा। सत्यजीत के छोटे भाई अपने परिवार के साथ मतलौडा में रहते हैं। मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अफसर भी जवान के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।


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