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IPS वाई पूरन मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT का गठन, IG चंडीगढ़ होंगे अध्यक्ष

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में अब जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे. आईपीएस की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

IPS Y Puran Kumar मामले की जांच के लिए SIT का गठन

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया गया है. इस SIT में 6 अधिकारी शामिल हैं, जिसका नेतृत्व चंडीगढ़ के IG करेंगे. IPS की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार ने बुधवार रात चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी.

आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की कथित आत्महत्या की जांच के लिए आईजीपी चंडीगढ़ पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है.

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समिति के सदस्य

  • पुष्पेंद्र कुमार, आईपीएस, आईजीपी, चंडीगढ़
  • कंवरदीप कौर, आईपीएस, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, चंडीगढ़
  • केएम प्रियंका, आईपीएस, एसपी/सिटी
  • चरणजीत सिंह विर्क, सीपीएस, डीएसपी/ट्रैफिक
  • गुरजीत कौर, सीपीएस, एसडीपीओ/दक्षिण
  • इंस्पेक्टर जयवीर सिंह राणा, संख्या 693/सीएचजी, एसएचओ/थाना-11 (पश्चिम)

    IPS वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को अपने घर में खुद को गोली मार ली थी, उस वक्त उनकी पत्नी उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं, जो सीएम सैनी के साथ जापान दौरे पर गई थी. वापस लौटने के बाद अमनीत ने बीएनएस धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत FIR दर्ज करने की मांग की.

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    शिकायत में दावा किया, "यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि अनुसूचित जाति समुदाय के एक ईमानदार अधिकारी पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न का सीधा नतीजा है. न्याय न केवल होना चाहिए बल्कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए. यहां तक ​​कि हमारे जैसे परिवारों के लिए भी, जो पावरफुल लोगों की क्रूरता से टूट गए हैं."

    केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले की जांच के संबंध में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है. पत्र में चिराग पासवान ने लिखा है कि यह एक सीएम

    मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने कल रात को सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज किया था, बावजूद इसके एडीजीपी वाई पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाए हैं, सूत्रों के अनुसार अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस की महिला एसएसपी कंवरदीप कौर को पत्र लिखकर एफआईआर को अधूरा बताया है.

    आईएएस डी सुरेश और मृतक आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के भाई जो विदेश से आए हैं, उन्होंने सेक्टर 9 पुलिस मुख्यालय में चंडीगढ़ के डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा से मुलाकात की है. उन्होंने डीजीपी को बताया कि जब तक हरियाणा डीजीपी और एसपी रोहतक गिरफ्तार नहीं हो जाते तब तक वह एडीजीपी पूरन कुमार का पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे. इस पर डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच के लिए आईजी के नेतृत्व एसआईटी गठन कर दी गई है.

    वहीं कांग्रेस नेता दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग की है कि IPS पूरन कुमार आत्महत्या मामले में SIT जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो. सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के वरिष्ठ और होनहार IPS अधिकारी पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटना बेहद दुखद है और इस घटना से प्रदेश ही नहीं पूरा देश स्तब्ध है. पूरा सिस्टम संदेह के घेरे में है. सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग की कि निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच तभी संभव है जब एसआईटी जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में करायी जाए.

    यह भी पढ़ें: कौन हैं IAS अमनीत पी. कुमार? जिनकी शिकायत पर हरियाणा के 10 से ज्यादा IPS अफसरों पर दर्ज हुई FIR

    उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि लोगों का सिस्टम पर विश्वास बने और ये तभी होगा जब न्याय मिले. निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच के बिना न्याय संभव नहीं है. आज पूरा देश, खासकर दलित वर्ग सरकार की तरफ देख रहा है कि न्याय हो और उसमें ये सुनिश्चित किया जाए कि न्याय होता हुआ दिखे साथ ही कोई उस जांच को प्रभावित न कर पाए.

    उन्होंने कहा कि वाई पूरन कुमार के सुसाईड नोट के आधार पर उनकी पत्नी जो स्वयं वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, द्वारा दायर FIR में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का नाम लिखवाया जाना व उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव और प्रताड़ना के आरोप पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करता है. पुलिस परिवार के वरिष्ठतम अधिकारी, कानून-व्यवस्था के मुख्य-संरक्षकों पर ऐसे आरोप लगना अत्यंत गंभीर और बेहद चिंताजनक है.


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