Sirsa Lokabha Election Result 2024 Vote Counting Updates: सिरसा में लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना पूरी हो गई है। पोस्टल बैलेट के बाद 8 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई और रुझान आने लगे। शुरुआत से ही कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने बढ़त बनाए रखी और उन्होंने करीब सवा 2 लाख वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस और AAP छोड़कर भाजपा में आए अशोक तंवर को हराया है। सैलजा को 636699 वोट मिले। अशोक तंवर को 403560 वोट मिले। कुमारी सैलजा तीसरी बार सिरसा से सांसद बनी हैं। वहीं सिरसा में कांग्रेस 10वीं लोकसभा चुनाव जीती है।
बता दें कि हरियाणा (Haryana Loksabha Election 2024) में छठे फेज में 25 मई को वोटिंग हुई थी और पूरे प्रदेश में करीब 65 फीसदी मतदान हुआ। वहीं चौटाला परिवार की राजनीति के गढ़ सिरसा में 69.1 फीसदी मतदान हुआ था। सिरसा लोकसभा क्षेत्र के चुनावी रण में इस बार कांग्रेस के 2 पूर्व प्रदेश अध्यक्षों के बीच कांटे की टक्कर रही, लेकिन कहते हैं न कि अनुभव बोलता है। जी हां, अनुभवी खिलाड़ी ने नए प्लेयर को चारों खाने चित्त कर दिया। हालांकि दोनों ही नेता पहले भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन क्योंकि सिरसा कांग्रेस का भी गढ़ है, इसलिए भाजपा उसमें सेंध लगाने में कामयाब नहीं हो पाई।
19 कैंडिडेट, कांग्रेस के 2 पूर्व प्रदेश अध्यक्षों में टक्कर
बता दें कि सिरसा के चुनावी रण में 19 प्रत्याशी थे, लेकिन कुल 34 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। 7 रिजेक्ट हो गए और बाकी ने नामांकन वापस ले लिए। भाजपा ने कांग्रेस और AAP छोड़कर आए अशोक तंवर को चुनाव टिकट दिया। वहीं भाजपा ने इस बार मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काट दिया। कांग्रेस से कुमारी सैलजा की अंबाला सीट बदलकर उन्हें इस बार सिरसा से चुनावी रण में उतारा है। वे पहले भी 2 बार सिरसा से सांसद रह चुकी हैं ।
कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अशोक तंवर और कुमारी सैलजा दोनों ही हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और इस बार एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, क्योंकि सिरसा के अनुसूचित जाति वर्ग पर दोनों की अच्छी पकड़ है। जजपा के उम्मीदवार रमेश खटक को और इनेलो के संदीप लोट वाल्मीकि हैं, लेकिन इन दोनों का सिरसा में कोई जनाधार नहीं है, ऐसे में भाजपा-कांग्रेस में से किसी के जीतने की आसार ज्यादा थे।
2019 लोकसभा चुनाव में कौन जीता कौन हारा?
लोकसभा चुनाव 2019 में सिरसा से भाजपा की सुनीता दुग्गल 52.2% वोट लेकर सांसद बनी थीं। उन्होंने कांग्रेस के अशोक तंवर को हराया था, जिन्हें 29.5% वोट मिले थे।
चौटाला परिवार की राजनीति सिरसा से चलती
बता दें कि सिरसा चौटाला परिवार का गढ़ है। चौटाला परिवार की राजनीति सिरसा से ही चलती है। सिरसा पंजाब और राजस्थान की सीमाओं से सटा शहर है। पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवी लाल सिरसा के चौटाला गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार आज भी सिरसा में ही रहता है। उनके बेटे ओम प्रकाश चौटाला 5 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
सिरसा लोकसभा सीट 1962 में बनी थी। इस सीट के दायरे में 3 जिलों जींद, फतेहाबाद और सिरसा के 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जींद जिले की नरवाना, फतेहाबाद जिले की टोहाना, फतेहाबाद, रतिया और सिरसा की कालांवाली, डबवाली, रानियां, सिरसा, ऐलनाबाद विधानसभा सीटें सिरसा लोकसभा सीट में शामिल हैं।
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