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Haryana Election: चुनाव पर कितना असर डालेगी राम रहीम की रिहाई? 24 सीटों पर ‘खेल’ कर सकते हैं समर्थक!

Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। राज्य की सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा। 8 अक्टूबर को मतगणना होगी और परिणाम सामने आ जाएगा। इस रिपोर्ट में जानिए इस चुनाव को डेरा सच्चा सौदा के समर्थक कितना प्रभावित कर सकते हैं।

Gurmeet Ram Rahim Singh (ANI)
Ram Rahim Parole And Haryana Election : हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख और दुष्कर्म का दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह बुधवार को रोहतर में जेल से बाहर आ गया। उसे 20 दिन के लिए पैरोल मिली है। राम रहीम को पिछले 7 साल में 15 बार पैरोल मिल चुकी है और उसने 259 से ज्यादा दिन जेल से बाहर बिताए हैं। खास बात यह है कि उसको मिलने वाली पैरोल किसी न किसी चुनाव के आस-पास ही रही हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए हैं लेकिन भाजपा ने कहा है कि उसकी रिहाई जेल के प्रावधानों के हिसाब से हुई है। बता दें कि राम रहीम की हरियाणा और पंजाब में अच्छी खासी पकड़ है और इन राज्यों की राजनीति में वह लंबे समय से दखल देता आ रहा है। दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई है। वह रोहतक में स्थित सुनारिया जेल में सजा काट रहा था जहां से वह आज पैरोल पर बाहर आया है। उसकी रिहाई के साथ ही यह अटकलें लगने लगी हैं कि वह हरियाणा विधानसभा चुनाव को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, उसके सामने शर्त रखी गई है कि पैरोल के दौरान वह हरियाणा नहीं जाएगा और चुनाव संबंधी किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा।

6 जिलों में मजबूत है राम रहीम की पकड़

लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि हरियाणा के 6 जिलों में उसके समर्थकों की बड़ी संख्या है। ये जिले फतेहाबाद, कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, करनाल और हिसार हैं। इन 6 जिलों में करीब 26 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से फतेहाबाद जिला ऐसा है जहां उसके समर्थकों की तादाद सबसे ज्यादा है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयाइयों की संख्या सवा करोड़ के आस-पास है। डेरा की 38 शाखाओं में से 21 तो सिर्फ हरियाणा में हैं। धार्मिक चेहरे के बावजूद डेरा सच्चा सौदा राजनीति में एक्टिव रहा है और उसकी पॉलिटिकल विंग भी है।

क्या बोले राज्य की राजनीति के जानकार?

राम रहीम का यह संगठन बीते समय में शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस को सपोर्ट कर चुका है। राजनीति के जानकारों के अनुसार डेरा के समर्थक कुछ हद तक इस बार भी चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रो. गुरमीत सिंह कहते हैं कि इस बात में कोई शक नहीं है कि डेरा के हरियाणा में लाखों की संख्या में फॉलोअर्स हैं और वह चुनाव पर असर डाल सकते हैं। फतेहाबाद में इनकी संख्या काफी है और वह तोहाना, रतिया और फतेहाबाद विधानसभा में चुनाव के परिणाम में उनकी दखलअंदाजी से इनकार नहीं किया सकता।

कई दलों को सपोर्ट कर चुका है राम रहीम

साल 2007 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा ने कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया था। साल 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डेरा ने भाजपा को सपोर्ट किया था। इसके बाद साल 2015 में नई दिल्ली में हुए चुनाव में डेरा ने खुले तौर पर भाजपा का समर्थन किया था। 2015 के बिहार चुनाव में भी राम रहीम के इस संगठन ने भाजपा का समर्थन किया था। एक अनुमान के अनुसार डेरा के करीब 3000 समर्थकों ने भाजपा के लिए बिहार में कैंपेनिंग की थी। ऐसे में यह बात को बिल्कुल साफ है कि हरियाणा की राजनीति में डेरा की पकड़ को नजरअंदाज कतई नहीं किया जा सकता है।


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