गुजरात में बाढ़ के बाद गन्दगी का अम्बार , महामारी फैलने का खतरा , जनता का गुस्सा देख मंत्रीजी भागे
भूपेंद्र सिंह ठाकुर , अहमदाबाद
Gujrat Narmada Dam Water Caused Flood: गुजरात में नर्मदा डेम से छोड़े गए पानी और आसमान से बरस रही आफत की बारिश ने भरुच अंक्लेश्वर के लाखो घरो को तबाह कर दिया, कई पशुओ की मौत हो गई, लोगो के व्यापार में भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल बारिश और बाढ़ दोनों ही ख़त्म हो गई है लेकिन अपने पीछे तबाही के निशां छोड़ गई है।
भरुच और अंकलेश्वर साहिल गुजरात के कई जिले के लाखों लोग पिछले कई घंटो से सिर्फ एक ही काम कर रहे है, वो है उनके घरो में स्थित दुकानों में खेतो में बर्बादी का सामान को बाहर निकालना। बारिश और नर्मदा नदी में आयी बाढ़ से दो दिन तक भरुच और अंकलेश्वर सहित कई जिले जलमग्न हो गए थे। मकान , दुकानों सहित खेत भी डूब गए। घरो, दुकानों में रखा सामान भी बर्बाद हो गया। खेतो में फसलें बर्बाद हो गई। लाखो करोडो का सामान कूड़ा करकट में तबदील हो गया। ऐसे में अगर कोई मंत्री या नेता इन इलाको में पहुंच रहा है तो जनता उसे जमकर खरी खोटी सुना रही है। भरुच के डांडिया बाजार पहुंचे आदिजाति विकास मंत्री कुंवरजी हलपति को तो जनता ने इलाका छोड़ने को मजबूर कर दिया।
शहर के शहर जलमग्न हो गए
18 सितम्बर को भरुच के गोल्डन ब्रिज के पास बाढ़ का पानी अधिकतम 40.47 फीट तक पहुंच गया है जो की खतरे के निशान से 16 फिट ज्यादा था। दरअसल नर्मदा बांध के 23 गेट खोलकर 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जिसके चलते भरूच सहित नर्मदा नदी के किनारे के कई इलाको में शहर के शहर जलमग्न हो गए। बाढ़ का पानी जाने के बाद भरूच शहर में ही कसक, ढोलीकुई, डांडिया बाजार, फुर्रजा बंदर ओर पुराने भरूच में लोगो के घर और दुकान का ज्यादातर सामान बर्बाद हो गया है।
पूरी रात पानी के बीच फंसे हजारों परिवार
वही अंकलेश्वर शहर में बाढ़ से 65 से ज्यादा इलाके और सोसायटी की मंजिले एक एक मंजिल तक पानी में डूब गईं। 5500 से ज्यादा घरो में टीवी फ्रिज फर्नीचर अनाज और घर का सामान खराब हो गया। अब सिर्फ हर जगह कीचड़ कचरा और बर्बाद हुआ सामान ही नज़र आ रहा है। इस बाढ़ में भरूच और अंकलेश्वर शहरी क्षेत्र, 216 गांव, 59164 कच्चे घर, 44911 पक्के घर प्रभावित होने की खबर है। जबकि 1.24 लाख हेक्टेयर में बाढ़ के पानी ने किसानों के करोड़ों का नुकसान कर दिया है। बाढ़ से व्यापार, व्यवसाय और उद्योग भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। जिले में बाढ़ से 5.84 लाख लोग किसी न किसी तरह प्रभावित हुए है। पूरी रात पानी के बीच फंसे हजारों परिवारों की स्थिति काफी भयावह हो गयी थी ।
बाढ़ में सब-कुछ बर्बाद
बाढ़ के पानी से सड़के लगभग लगभग पूरी तरह बर्बाद हो गई है। पानी की निकासी के साथ-साथ लोगों की मुसीबतें बढ़ने लगी है। गांव गलियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। भरूच अंकलेश्वर, चाँदोद शहर में हालात बदतर नजर आ रहे है, यहां गलियों में घरों में तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है, बाढ़ का पानी सब कुछ बहा ले गया और जो भी बचा है वह सब बेकार हो गया जीवन जरूरत की तमाम चीज तबाही हो गई है अगर कुछ बचा है तो वह घरों में गलियों में गंदगी।
जनता में आक्रोश
स्थानीय लोगों में नाराजगी स्पष्ट देखी जा सकती है, प्रशासन ने 1 हजार कर्मियों की फ़ौज काम में लगा दी है। जहां-जहां गंदगी फैली वहां सफाई करने के निर्देश दिए हैं, दूसरी जगह से सफाई कर्मी बुलाए गए हैं, और शहरों की सफाई कराई जा रही है बाढ़ के बाद यहां बीमारियों का खतरा मडराने लगा है, एक-एक घर में लाखों का नुकसान हुआ है लोगों के हुए नुकसान का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, जहां गरीब की झोपड़ी उजड़ गई तो वहीं बंगलो में रहने वालों के फर्नीचर भी बिगड़ गए किसी का सब कुछ छीन गया किसी का सब कुछ पानी में गल गया। अब यहां सिर्फ बर्बादी का मंजर है और यही वजह है कि अब आला अधिकारी मैदान में है राजनेता अब इन बर्बाद शहरों की तरफ जाने से बच रहे हैं, वहीं जनता में आक्रोश है।
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