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साबरमती रिवरफ्रंट बना ‘सुसाइड फ्रंट’, अबतक इतने लोगों ने दी जान

Sabarmati Riverfront News : अहमदाबाद का साबरमती रिवरफ्रंट अब सुसाइड फ्रंट बन गया है। सुरक्षा गार्डों की तैनाती के बाद भी सुसाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं। आइए जानते हैं कि पिछले 11 सालों में कितने लोगों ने आत्महत्या की।

Sabarmati Riverfront (File Photo)
Sabarmati Riverfront News (ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबाद) : गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे स्थित साबरमती रिवरफ्रेंट सुसाइड फ्रंट बन गया। 1960 के दशक में साबरमती रिवरफ्रेंट का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन साल 2008 में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की स्थापना कर साबरमती रिवरफ्रंट को करोड़ों रुपये की लागत से दो चरणों में विकसित किया गया। इसके बाद रिवरफ्रंट को जनता के लिए खोल दिया गया। अबतक कई लोगों ने यहां से अपनी जान दे दी। साबरमती रिवरफ्रंट वॉकवे घूमने के लिए पर्यटक आते हैं। पिछले 11 सालों में कुल 1869 लोगों ने इसी रिवरफ्रंट वॉकवे से आत्महत्या की, जिनमें 247 महिलाएं, 1586 पुरुष और 36 बच्चे शामिल हैं। इस मामले में अबतक 466 लोगों की जान बचाई जा सकी है। रिवरफ्रंट पर तीन शिफ्टों में प्राइवेट एजेंसियों के 97 सुरक्षा गार्ड की वॉकवे पर ड्यूटी लगी है। यह भी पढ़ें : Atal Bridge: PM मोदी ने अटल ब्रिज का किया उद्घाटन, साबरमती नदी पर बने पुल के बारे में जानें सबकुछ जानें कहां-कहां तैनात रहते हैं सुरक्षा गार्ड तीन-तीन शिफ्टों में रिवरफ्रंट वॉकवे के पूर्व की ओर 44 गार्ड और पश्चिम की ओर 53 गार्ड तैनात हैं, जिनमें से कई गार्ड गैरहाजिर रहते हैं। इसके बावजूद नदी में कूदकर आत्महत्या करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। साथ ही आत्महत्या करने वाले लोगों को बचाने के लिए नदी तट पर दो नावें भी तैनात हैं, जो टूटी हुई हालत में हैं। यह भी पढ़ें : Atal Bridge: साबरमती रिवरफ्रंट की खूबसूरती में चार चांद लगाएगा ‘अटल ब्रिज’, एक भी सीसीटीवी कैमरे नहीं साबरमती रिवरफ्रंट पर दोनों तरफ 37 किमी के पैदल मार्ग पर एक भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। अगर कोई व्यक्ति सुसाइड कर लेता है तो इसके बाद लोग फायर ब्रिगेड को कॉल करते हैं, जो नदी तट से 1.5 किमी की दूरी स्थित है। जमालपुर और शाहपुर फायर स्टेशन से दमकल विभाग के कर्मचारी आते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में वो लोगों की जान नहीं बचा पाते हैं।


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