Morbi Bridge Tragedy: गुजरात की एक अदालत ने पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी में पुल गिरने के मामले में ओरेवा समूह के मालिक जयसुख पटेल की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। बता दें कि हादसे में 134 लोग मारे गए थे। अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) ने मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के पुल के नवीनीकरण, मरम्मत और संचालन का ठेका हासिल किया था।
रविवार को मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 70 के तहत पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। सरकारी वकील संजय वोरा ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "अदालत ने ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके पास मोरबी पुल के नवीनीकरण का ठेका था। उसे 70 दिनों तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभी तक कोई लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है।"
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अग्रिम जमानत के लिए पटेल ने किया था कोर्ट का रुख
बता दें कि पटेल ने मामले (Morbi Bridge Tragedy) में अग्रिम जमानत के लिए 20 जनवरी को मोरबी सत्र अदालत का रुख किया था, जबकि सुनवाई 1 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई थी क्योंकि सरकारी वकील उपस्थित नहीं थे। मामले में पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में पटेल का नाम आरोपी के रूप में नहीं है।
मामले में अब तक अजंता मैन्युफैक्चरिंग (ओरेवा ग्रुप) के चार कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक और 2 टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं। गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 नवंबर को मोरबी दुर्घटना का स्वत: संज्ञान लिया, राज्य के गृह विभाग सहित अधिकारियों को नोटिस जारी किया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी थी।
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नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोरबी पुल ढहने की घटना एक बड़ी त्रासदी थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय से समय-समय पर सुनवाई करने के लिए कहा था।
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