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गुजरात में जलप्रलय; जूनागढ़ में बाढ़ से बचने के लिए बिजली के खंभे पर चढ़े दो लोग, एयरफोर्स ने किया रेस्क्यू

Gujarat Rains: गुजरात में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए भारतीय वायु सेना (IFA) को उतारा गया है। शनिवार को वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने बाढ़ प्रभावित जूनागढ़ में बिजली के खंभे पर चढ़े दो लोगों को बचाया। जिला प्रशासन की ओर से फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए बुलाया गया […]

Gujarat Rains: गुजरात में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए भारतीय वायु सेना (IFA) को उतारा गया है। शनिवार को वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने बाढ़ प्रभावित जूनागढ़ में बिजली के खंभे पर चढ़े दो लोगों को बचाया। जिला प्रशासन की ओर से फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए बुलाया गया था। जानकारी के मुताबिक, भारी बारिश के कारण गुजरात के जूनागढ़ जिले के निचले इलाके में बाढ़ के बीच दो नागरिक कई घंटों तक बिजली के खंभे से चिपके रहे। मामले की जानकारी के बाद जूनागढ़ जिला प्रशासन ने भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद मांगी। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में बाढ़ आने के बाद केशोद तालुका के सुत्रेज गांव के पास फंसे हुए दोनों लोगों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है। बता दें कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को कच्छ, जामनगर, जूनागढ़ और नवसारी में तैनात किया गया है, जो सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से हैं।

सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात में मानसून का कहर

सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात जिलों के कई हिस्सों में शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई और मानसूनी नदियां उफान पर होने से कई गांव जलमग्न हो गए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वलसाड जिले के धरमपुर तालुका और नवसारी जिले के खेरगाम में शनिवार सुबह 6 बजे से 10 घंटे में 189 और 186 मिमी बारिश हुई। वहीं, वलसाड, नवसारी, जूनागढ़, अमरेली, भरूच और वापी के कुछ हिस्सों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जूनागढ़, अमरेली, नवसारी, डांग और वलसाड जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। 5 जुलाई तक राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। IMD ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 3 जुलाई तक अरब सागर के किनारे या उसके बाहर न जाएं, क्योंकि सक्रिय मानसून की स्थिति के कारण मौसम खराब रहने की संभावना है।


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