लोग बोले मंत्री जी की गलती नहीं
हैरत की बात यह है कि उन्हें इस बात का अहसास तक नहीं हुआ कि वह शराब को चरणामृत समझकर पी गए हैं, क्योंकि उन्हें लगा कि शायद यह 'द्रव प्रसाद' कड़वा है। जब यह मामला सार्वजनिक हुआ तो मंत्री के साथ-साथ लोग भी हैरान हैं। वहीं, आयोजन में शामिल स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब अनजाने में हुआ और इसमें मंत्री जी की कोई गलती नहीं है। उधर, मंत्री का कहना है कि उन्हें आदिवासी परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। यहां के रीति-रिवाजों से अपरिचित मैं यहां पर पहली बार आया था।आदिवासी रीति-रिवाजों से अनजान थे मंत्री
यहां पर बता दें कि पिछले दिनों नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। जानकारी सामने आ रही है कि समारोह में बतौर अतिथि पहुंचे कृषि मंत्री राघवजी पटेल दरअसल आदिवासी रीति-रिवाजों से अनजान हैं और शराब को चरणामृत समझकर गटक गए।हो गई गलतफहमी
स्थानीय लोगों का कहना है कि आदिवासी दिवस की पूजा में देशी शराब से धरती माता का अभिषेक करने की परंपरा यहां पर वर्षों से है। ऐसे में रीति-रिवाजों के अनुसार, पूजा के दौरान एक बोतल में देसी शराब पत्ते में मंत्री समेत गणमान्य लोगों को आगे की पूजा विधि संपन्न करने के लिए दी गई थी। वहीं, आयोजन में मौजूद कृषि मंत्री राघवजी पटेल आदिवासी रीति-रिवाजों से अनजान होने की वजह से इसे चरणामृत समझकर पी गए।शराब को करना था धरती माता को अर्पित
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