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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नडियाद में किए संतराम मंदिर में दर्शन, पिपलाग में किया पौधारोपण

CM Patel In Nadiad: राज्य का स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए नडियाद आए मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने संतराम मंदिर जाकर संतराम महाराज के समाधि स्थानक के दर्शन किए और अखंड ज्योत के सामने मंगल कामना की।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 17, 2024 16:58
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cm patel in Nadiad

CM Patel In Nadiad: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है’ की भावना को समर्पित नडियाद स्थित सुप्रसिद्ध संतराम मंदिर जाकर संतराम महाराज की समाधि स्थानक के दर्शन किए और अखंड ज्योति के सामने मंगलकामना की। मंदिर के संत निर्गुण दास महाराज ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें समाधि स्थान तक लेकर गए। निर्गुण दास महाराज ने मुख्यमंत्री को संतराम महाराज और मंदिर की सेवा गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर सांसद देवुसिंह चौहान, विधायक पंकजभाई देसाई और कल्पेशभाई परमार सहित कई अग्रणी मौजूद रहे। मंदिर के संत निर्गुण दास महाराज मुख्यमंत्री को स्वागत समाधि स्थल पर ले गए। इस मौके पर पिपलाग में पौधारोपण किया गया, इस मौके पर नडियाद के विधायक पंकजभाई देसाई और अन्य नेता मौजूद थे।

जानिये क्यों खास है ये मंदिर

गुजरात का संतराम देशभर में प्रसिद्ध है और यहां हर साल लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। दरअसल, यहां लोग सिर्फ पूजा करने या दर्शन के लिए ही नहीं आते हैं। इस मंदिर के जरिए जरूरतमंदों की मदद का काम भी किया जाता है। संतराम मंदिर गुजरात के नादियाद में मौजूद है। मंदिर का ट्रस्ट आईकेयर अस्पताल, फिजीओथेरेपी थेरेपी सेंटर, डिस्पेंसरी, रेडियोलॉजी सेंटर आदि भी चलाता है। जहां गरीबों का इलाज होता है। संतराम मंदिर की मान्यता है कि संतराम महाराज नाम के एक साधु ने 1872 ई. में आध्यात्मिक भलाई के लिए नादियाद में निवास किया था।

अपने जीवन काल में संतराम महाराज ने कई चमत्कारी प्रदर्शन किए। इसके बाद वो जल्द ही लोकप्रिय हो गए। उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि उनके भक्तों ने उनकी पूजा करनी शुरू कर दी। कई लोग उनके लिए गुरुवार, पूर्ण‍िमा और एकादशी के दिन व्रत भी रखते हैं। संतराम ने लोगों की 15 साल सेवा की और साल 1887 के माघ महीने के समवत के पूर्ण‍िमा को समाधि ले ली। उनके भक्तों ने उनके सम्मान में संतराम मंदिर बनवाया। यह मंदिर सुबह 5 बजे खुलता है और रात के 8 बजे बंद हो जाता है। उनके भक्तों ने उनके सम्मान में संतराम मंदिर बनवाया।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Aug 17, 2024 04:58 PM

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