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पश्चिम रेलवे में अब बिजली से दौड़ेंगी सारी ट्रेनें, इन राज्यों से आगे निकला गुजरात

गुजरात के ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया गया है। गुजरात को यह कामयाबी हासिल करने में 11 साल लगे हैं।

गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार प्रदेश के विकास के लिए हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार गुजरात में रेल सुविधाओं को बेहतर कर रही है। इसी के तहत गुजरात ने ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण (Electrification) हासिल कर लिया है। मालूम हो कि गुजरात पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आता है। इसलिए गुजरात के साथ-साथ पूरे पश्चिम रेलवे ने भी 31 मार्च 2025 को 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण हासिल किया है। इन रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण से डीजल की भारी लागत से बचत होगी।

11 साल में हासिल की कामयाबी

इसके साथ ही, गुजरात सहित पूरे पश्चिम रेलवे में डीजल इंजन से चलने वाली ट्रेनें अब बिजली से चलेंगी। रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में 1 अप्रैल 2014 को 785 विद्युतीकृत ब्रॉड गेज किलोमीटर रेलवे लाइनें थीं, जो पिछले 11 सालों में बढ़कर 4,027 किलोमीटर हो गई हैं। बता दें कि गुजरात में ब्रॉड गेज लाइनों की कुल लंबाई ही 4,027 किलोमीटर है। इसके साथ ही, गुजरात उन 25 भारतीय राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्होंने 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण हासिल कर लिया है।

ये राज्य में अभी वंचित

वहीं राजस्थान में 93 किलोमीटर, कर्नाटक में 151 किलोमीटर, तमिलनाडु में 169 किलोमीटर, गोवा में 16 किलोमीटर और असम में 382 किलोमीटर ऐसे राज्य हैं जहां 100 प्रतिशत विद्युतीकरण अभी भी पूरा नहीं हुआ है। इन राज्यों को मिलाकर कुल 811 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण का काम करना अभी बाकी है, जिसे आने वाले एक या दो साल में पूरा कर लिया जाएगा। यह भी पढ़ें: गुजरात: पोरबंदर, जामनगर और द्वारका के बीच सफर होगा आसान; केंद्र से 1271 करोड़ के प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

क्या हैं इसका फायदा?

भविष्य में रेलवे इससे खुद भी क्लीन एनर्जी स्रोत से बिजली पैदा कर सकती है। इसके अलावा डीजल के लिए परिवहन, भंडारण, पंपिंग की पूरी लाइन की जरूरत होगी और इसके लिए जमीन भी चाहिए। होगी। डीजल इंजन में इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में कई नुकसान भी हैं। विद्युतीकरण कई क्षेत्रों के लिए बहुत सारी समस्याएं पैदा कर रहा है।


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