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Cyclone Biparjoy: द्वारका में तेज हवाओं के साथ बारिश का कहर शुरू; द्वारकाधीश मंदिर कराया गया बंद

Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। चक्रवात की बेहद गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, तीनों सेनाओं के जवान और राज्य सरकार अलर्ट है। इसी बीच बुधवार शाम को गुजरात के द्वारका जिले के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है। द्वारकाधीश […]

Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। चक्रवात की बेहद गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, तीनों सेनाओं के जवान और राज्य सरकार अलर्ट है। इसी बीच बुधवार शाम को गुजरात के द्वारका जिले के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है। द्वारकाधीश मंदिर को भी बंद कर दिया गया है।

द्वारका के एसडीएम ने दिया बयान

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, द्वारका जिले के एसडीएम पार्थ तलसानिया ने बताया कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की गंभीरता को देखते हुए द्वारकाधीश मंदिर को कल (15 जून) के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। एसडीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह निर्णय सिर्फ कल के लिए लिया गया है, अगर हालात ठीक रहे तो 16 जून से मंदिर को खोल दिया जाएगा। इसी बीच द्वारका के ओखामंडल के मीठापुर क्षेत्र में तेज बारिश और हवाएं शुरू हो गई हैं।

खाना-दूध और दवाओं का किया इंतजाम

गुजरात सरकार में मंत्री प्रफुल पंशेरिया ने कहा कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉ से कच्छ जिला पूरा प्रभावित होने की आशंका है। हमने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा है। शरण स्थलों पर दवा, खाना, पानी, दूध और बच्चों के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था की है। कच्चे मकान, झुग्गी, झोपड़ी में रहने वाले करीब 4 हजार लोगों को शरण स्थलों में शिफ्ट किया गया है।

तूफान का अलर्ट, आ गया भूकंप

बता दें कि चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले कच्छ जिले में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 रही। इससे किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्मोलॉजिकल रिसर्च, गांधीनगर के अनुसार भूकंप का केंद्र कच्छ जिले के भचाऊ से 5 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में था। ये भूकंप बुधवार शाम 5:05 बजे आया था।

तेज हवाओं का कहर, रस्सियां बांध कर निकल रहे लोग

गुजरात के जामनगर में तेज हवाओं ने अपना कहर परवाना शुरू कर दिया है। यहां के रसूलनगर गांव के निवासियों ने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के दौरान चलने वाली तेज हवाओं और भारी बारिश का सामना करने के एक विकल्प की खोज की है। लोगों ने गलियों में रस्सियां बांध दी हैं। रास्ते से गुजरने वाले लोग इन्हें पकड़-पकड़ कर अपने घरों में जा रहे हैं। देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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