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‘सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकते…’, Bilkis Bano Case में SC ने गुजरात सरकार से पूछा- दोषियों को क्यों छोड़ा?

Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को गुजरात के बिलकिस बानो केस की सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने राज्य सरकार से दोषियों को समय से पहले रिहाई देने का कारण पूछा। साथ ही रिहाई से जुड़ी फाइल दिखाने के लिए कहा। शीर्ष कोर्ट ने कहा […]

Bilkis Bano Supreme Court Hearing
Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को गुजरात के बिलकिस बानो केस की सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने राज्य सरकार से दोषियों को समय से पहले रिहाई देने का कारण पूछा। साथ ही रिहाई से जुड़ी फाइल दिखाने के लिए कहा। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अगर आप फाइल नहीं दिखाते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे। पीठ ने कहा कि एक गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। कई लोगों की हत्या कर दी गई। आप सामूहिक हत्या से जुड़े अपराध को साधारण हत्या से तुलना नहीं कर सकते हैं। जैसे आप सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकते हैं। वैसे ही नरसंहार की तुलना एकल हत्या से नहीं की जा सकती है।
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आज बिलकिस कल कोई और...

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने दोषियों को छूट देने के लिए आधार क्या बनाया। आज यह बिलकिस बानो केस है, लेकिन कल यह कोई और हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से एक मई तक फाइल पेश कर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।

आदेश के खिलाफ जा सकती है केंद्र और गुजरात सरकार

वहीं, केंद्र और राज्य सरकार इस आदेश को चुनौती दे सकती है। अदालत में केंद्र और गुजरात सरकार की तरफ से एसएसजी एसवी राजू ने कहा कि हम एक मई तक इस बारें में विचार करेंगे कि फाइल पेश की जाए या नहीं। सरकार ने विशेषाधिकार का हवाला देते हुए संकेत दिया है कि वह इस मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट से जुड़े दस्तावेजों को पेश नहीं करना चाहती है। मामले की सुनवाई अब 2 मई को दोपहर दो बजे होगी। बता दें कि 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। पिछली सुनवाई की तारीख 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दोषियों को सजा में छूट संबंधी फाइल लेकर आएं।
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गुजरात सरकार ने छूट के पीछे दिया था ये तर्क

गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में दोषियों को मिली छूट का बचाव किया था। कहा था कि दोषियों ने जेल में 14 साल की सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है। राज्य सरकार ने दोषियों को 10 अगस्त 2022 को छूट दी थी।
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