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जुआ खेलने वालों से हाई-टेक तरीके से धोखाधड़ी, पुलिस ने शख्स को किया गिरफ्तार

अहमदाबाद में क्राइम ब्रांच ने हाई-टेक जुए के बड़े रैकेट का खुलासा किया है। आरोपी विपुल पटेल के पास से केमिकल लगे ताश के पत्ते, सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस, सेंसर युक्त मोबाइल और ब्लूटूथ डिवाइस बरामद हुए। वह चीनी सॉफ्टवेयर की मदद से ताश के खेल में खिलाड़ियों को धोखा देता था। सॉफ्टवेयर के ज़रिए यह तय हो जाता था कि कौन जीतेगा, जिससे जुआ खेलने वाले लोग अनजाने में ठग लिए जाते थे।

Photo Source : Freepik

जुआ खेलने के शौकीनों के लिए जरूरी खबर है। अहमदाबाद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो हाई-टेक तरीके से लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा था। शहर की क्राइम ब्रांच ने ताश के जुए में अनोखे तरीके से धोखाधड़ी करने वाले शख्स को पकड़ा तो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

पुलिस ने खास केमिकल लगे ताश के पत्ते, आंख में पहनने वाले सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस और सेंसर युक्त एंड्रॉइड मोबाइल फोन सहित लगभग पौने तीन लाख रुपये के सामान के साथ वावड़ी के पुनितनगर स्थित आकार हाइट्स में रहने वाले विपुल रमेशभाई पटेल (उम्र 39 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। यह मामला जुआ खेलने के शौकीनों के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आया है, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग कर लोगों को आर्थिक संकट में धकेला जा रहा था।

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क्राइम ब्रांच के जवान पेट्रोलिंग पर थे, तभी सूचना मिली कि आकार हाइट्स की विंग के फ्लैट नंबर 502 में रहने वाला विपुल पटेल संदिग्ध सॉफ्टवेयर और मोबाइल के कारोबार में लिप्त है। पीआई एम. आर. गोंडलिया के निर्देश पर फ्लैट पर छापा मारा गया। छापे में अलग-अलग कंपनियों के 4,260 ताश के पत्ते, 75 सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस और सेंसर युक्त 4 एंड्रॉइड मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनकी कुल कीमत ₹2,70,500 आंकी गई। पूछताछ में विपुल पटेल ने कबूल किया कि यह सामान जुए में शामिल लोगों को धोखा देने के लिए प्रयोग किया जाता था।

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आरोपी ने बयान में बताया कि ये ताश के पत्ते केमिकल लगे होते हैं। जब कोई व्यक्ति विशेष प्रकार के कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर, सेंसर युक्त मोबाइल फोन और कान में ब्लूटूथ लगाकर जुआ खेलता है, तो पत्ते बांटते समय सॉफ्टवेयर की मदद से पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे या पांचवें खिलाड़ी में से कौन बाजी जीतेगा, यह पहले से पता चल जाता है।

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इस तरह सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाला खिलाड़ी सामने वाले को बिना भनक लगे ठग लेता है। ऐसा सॉफ्टवेयर मोबाइल के मॉडल के आधार पर बेचा जाता है और इसके लिए मोटी रकम ली जाती है। क्राइम ब्रांच भी यह कबूलनामा सुनकर हैरान रह गई। विपुल पटेल की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की जा रही है कि यह चीनी सॉफ्टवेयर कहां से और कैसे लाया गया तथा किन-किन लोगों को बेचा गया।


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