(भूपेंद्र ठाकुर, अहमदाबाद)Gujarat Crime News: क्राइम ब्रांच और कस्टम डिपार्टमेंट ने अहमदबाद के इंटरनेशनल पोस्ट ऑफिस से कूरियर के जरिए भेजी गई 3 करोड़ 50 लाख रुपये की ड्रग्स बरामद की है। क्राइम ब्रांच ने NDPS एक्ट 8(c), 20(b), 23,29 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह ड्रग्स अमेरिका जैसे देशों से अहमदाबाद, सूरत समेत अलग-अलग शहरों में सप्लाई की जानी थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद के ड्रग पैडलरों की पहचान कर ली है। मामले में क्राइम ब्रांच अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तारी कर सकती है।
बता दें कि इस तरह विदेश से कूरियर के जरिए ड्रग्स मंगवाने का मामला कुछ दिन पहले भी सामने आया था। क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि अहमदाबाद के इंटरनेशनल पोस्ट ऑफिस में 58 पैकेट्स में ड्रग्स भेजी गई है। जिसके बाद डॉग स्क्वॉड के साथ क्राइम ब्रांच और कस्टम डिपार्टमेंट की टीम ने जांच की।
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एक पार्सल में 11.601 ग्राम हाइब्रिड गांजा मिला। जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 3 करोड़ 48 लाख 3 हजार रुपये आंकी गई है। 8.8ML की 60 बॉटल में लिक्विड फॉर्म में ड्रग्स मिली, जिसकी कीमत 72 हजार आंकी गई है। पुलिस ने 3 करोड़ 48 लाख 75 हजार की ड्रग्स जब्त करने का दावा किया है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि हाल ही कुछ युवकों को ड्रग्स से बचाने के लिए काउंसलिंग की गई थी। उनसे जानकारी मिली थी कि कुछ और बड़े पार्सल आने वाले हैं। क्राइम ब्रांच के अनुसार ड्रग्स माफिया स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को टारगेट कर रहा है। कुल 58 पार्सल भेजे गए हैं। जिसमें से अधिकतर USA, UK और Canada से आए हैं। डार्कवेब और सोशल मीडिया के जरिए विदेशी पैडलरों से संपर्क किया जाता था और कूरियर के जरिए ड्रग्स मंगवाई जा रही थी।
शक न हो, इसलिए खिलौनों में भेजा नशा
क्राइम ब्रांच के एसीपी भरत पटेल ने बताया कि बच्चों के खिलौनों, डायपर, टिथर टॉय, लेडीज बैग, स्पाइडर बोल, स्टोरी बुक, जेट विमान खिलौने, खिलौने वाला ट्रक, टूल किट आदि में छिपाकर ड्रग्स भेजी गई थी। गुजरात के सभी बड़े शहरों में यह पार्सल भेजे जाते थे। 5 भारतीय पैडलर्स की पहचान हुई है, जो अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पार्सल खुद तक पहुंचाने के लिए लोग क्रिप्टो करेंसी से ऑर्डर करते थे। पार्सल जैसे ही विदेश से अहमदाबाद के इंटरनेशनल पोस्ट ऑफिस पहुंचता, ऑर्डर देने वाला डिलीवरी बॉय से संपर्क करता था। जिसके बाद एड्रेस बदल गया है की बात कहकर नए एड्रेस पर पार्सल मंगवाया जाता था।