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एक हफ्ते में ड्रग्स तस्करी के 21 मामले दर्ज 25 गिरफ्तार, सूरत से आया 9 करोड़ का गांजा पकड़ा गया

क्राइम ब्रांच और SOG की संयुक्त रेड में अहमदाबाद व सूरत में ड्रग्स नेटवर्क पर करारा प्रहार, सलाइवा ड्रग टेस्ट किट से 5 मिनट में होगी पहचान.

गुजरात के अहमदाबाद में ड्रग्स के खिलाफ पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. क्राइम ब्रांच और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने पिछले हफ्ते शहर भर में कई हाई-इंटेंसिटी रेड्स की हैं. इसका मकसद ड्रग्स के नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ना और ड्रग्स की तस्करी और इस्तेमाल दोनों पर 'जीरो टॉलरेंस' नीति लागू करना है. इन ऑपरेशनों में छोटे और बड़े हर स्तर के सप्लाई चेन को निशाना बनाया गया है.

पिछले सात दिनों में इस संयुक्त अभियान के तहत 21 नए मामले दर्ज किए गए हैं और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन रेड्स में कुल जब्ती का मूल्य 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है. मुख्य रूप से मेफेड्रोन (एमडी), गांजा और चरस जब्त किए गए हैं. यह कार्रवाई सिर्फ ड्रग्स के भौतिक कब्जे तक सीमित नहीं है. इस बार फोकस नार्को-फाइनेंस यानी ड्रग्स से होने वाली कमाई और मनी लॉन्ड्रिंग पर भी है.

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वही इस तरह की ड्राइव में सूरत पुलिस को सबसे ज्यादा सफलता मिली है उन्होंने सिर्फ सूरत में एक महीने में 10 करोड़ की ड्रग्स तस्करी मामले में 25 NDPS के मामलो में 30 लोगों को गिरफ्तार किया है वही बैंकाक से आया 9 करोड़ का 17 किलो हाइब्रिड गांजा भी जप्त किया है

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पुलिस अब यह ट्रेस कर रही है कि ड्रग मनी को कैसे दूसरे चैनलों में निवेश या सफेद किया जा रहा है. इसका मकसद यह है कि इन अपराधियों का वित्तीय नेटवर्क बाधित हो जाए और वे फिर से अपने कारोबार को शुरू न कर सकें.

इस अभियान में केवल बड़े कंसाइनमेंट ही नहीं, बल्कि छोटे पैमाने पर बिक रहे ड्रग्स को भी निशाना बनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य स्ट्रीट-लेवल डीलरों को खत्म करना है, जो सीधे युवाओं को ड्रग्स की ओर खींचते हैं. पुलिस का कहना है कि हर मात्रा की तस्करी पर कार्रवाई की जाएगी और कोई भी छोटा केस नजरअंदाज नहीं होगा.

स्लाइवा किट बताएगी ड्रग्स लिया है नहीं , स्पेशल ड्राइव

ड्रग्स सेवन करने वालो को 5 मिनट में होगी पहचान , स्लाइवा बताएगा ड्रग्स लिया है या नहीं

इसी बीच, क्राइम ब्रांच ने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 64ए के तहत, कोई भी नशे का आदी व्यक्ति जिस पर छोटी मात्रा या सेवन (धारा 27) से संबंधित अपराधों का आरोप है, जो स्वेच्छा से सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से नशा मुक्ति के लिए चिकित्सा उपचार चाहता है, उसे अभियोजन से छूट दी जा सकती है. क्राइम ब्रांच परिवारों और व्यक्तियों को आगे आने और जेल जाने के बजाय रिहैबिलिटेशन चुनने के लिए प्रोत्साहित करती है.

अहमदाबाद पुलिस ने नशे के खिलाफ हो रही गिरफ्तारियां और जप्ती को लेकर चल रहे एंटी-नारकोटिक्स अभियान के तहत एक नई और आधुनिक पहल की है. शहर के एसजी हाईवे स्थित पाकवान क्रॉस रोड पर पुलिस ने ड्राइवरों की लार से ड्रग टेस्ट कर जांच की. इस विशेष ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच, एसओजी और फॉरेंसिक साइंस लैब की टीमें शामिल रहीं. पोर्टेबल सलाइवा ड्रग टेस्ट किट की मदद से कुछ ही मिनटों में ड्रग सेवन की जांच की गई.

इस जांच में गांजा, कोकीन, मेफेड्रोन, अफीम जैसे नशीले पदार्थों की पहचान की जाती है. पहले दिन की ड्राइव में राहत की बात ये रही कि जांच के दौरान कोई भी ड्राइवर ड्रग पॉजिटिव नहीं पाया गया. 1 जनवरी की सुबह तक ऐसे ही ड्राइव शहर के कई इलाको में होती रहेगी. और दोषी पाए जाने पर एनडीपीएस के तहत मामला दर्ज कर क़ानूनी कार्यवाही की जायेगी

इन सबके साथ शराब बंदी वाले गुजरात में अवैध तरीके से लायी जा रही शराब पर भी पुलिस की पैनी नज़र है , सभी पडोसी राज्यों की सरहदों पर पेट्रोलिंग और चौकसी बढ़ा दी गई है. एक तरफ जहा 31 दिसंबर के जश्न के लिए शराब माफिया अलग अलग तरीके अपनाकर राज्य में जयादा से ज्यादा शराब घुसाने के चक्कर में है वही पुलिस रोज करोडो की शराब जप्त भी कर रही है. दाहोद से ऐसे ही चावल के काटते की आड़ में लायी जा रही डेढ़ करोड़ की शराब जप्त की गई है.

पुलिस ने साफ किया है कि ऐसे अभियान आगे भी शहर के अलग-अलग इलाकों में जारी रहेंगे, ताकि युवाओं को नशे से दूर रखा जा सके.


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