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अहमदाबाद एयर इंडिया क्रैश में बचाई गई 31 लोगों की जान, फायर सर्विस डिपार्टमेंट ने झोंक दी थी पूरी ताकत

12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया, जिसमें 270 लोगों की जान चली गई। राहत और बचाव कार्य में 31 लोगों की जान बचाई गई। सीएफओ अमित डोंगरे के अनुसार, ऑपरेशन में 7.5 लाख लीटर पानी और 650 कर्मियों की मदद ली गई।

दुर्घटना के बाद फायर डिपार्टमेंट ने बचाई 31 लोगों की जान (फोटो सोर्स-ANI )
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान क्रैश की घटना में 270 लोगों की जान चली गई। इसमें 241 यात्री और एयर इंडिया के क्रू मेंबर्स शामिल थे, जबकि अन्य वे लोग थे जो उस अस्पताल से जुड़े हुए थे, जिस पर जहाज क्रैश होकर गिरा था। इस घटना में मृतकों की संख्या बढ़ सकती थी लेकिन कई लोगों को समय रहते बचा लिया गया और उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। ऐसे में उनकी जान बच गई।

क्या बोले सीएफओ?

अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद राहत और बचाव अभियान को लेकर फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के सीएफओ अमित डोंगरे का कहना है कि 12 जून को दोपहर करीब 1:43 बजे घटना को लेकर फोन आया था। हम तुरंत सक्रिय हो गए और सभी 19 फायर स्टेशनों को अलर्ट कर दिया। 100 से अधिक अग्निशमन वाहनों को घटनास्थल पर भेजा गया और काम पर लगा दिया गया। उन्होंने बताया कि चार इमारतें आग की चपेट में थीं और क्षतिग्रस्त हुई थीं तो चार टीमें बनाई गईं। अमित डोंगरे ने बताया कि राहत और बचाव अभियान के दौरान लगभग 31 लोगों को जीवित बचाया गया और उन्हें सिविल अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने में 90 से अधिक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। करीब 4 घंटे तक ऑपरेशन चला था।

आग बुझाने में लगे लगभग 7.5 लाख लीटर

सीएफओ के अनुसार, आग बुझाने में लगभग 7.5 लाख लीटर पानी का उपयोग किया गया। इसके साथ ही 650 लोगों को राहत-बचाव के कार्य में लगाया गया था। वहीं, एयर इंडिया की जहाज दुर्घटना को लेकर टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि, “मैंने कई संकट देखे हैं, लेकिन यह मेरे करियर की सबसे हृदयविदारक घटना है।” यह भी पढ़ें : इंडिया क्यों आया था प्लेन क्रैश में जिंदा बचा इकलौता शख्स, क्या है रमेश विश्वास कुमार की कहानी? अहमदाबाद में हुई घटना को लेकर भारत सरकार सख्त है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि मैंने घटनास्थल, छात्रावास, अस्पताल और एफएसएल का दौरा किया है और एक समीक्षा बैठक भी की। मैंने कुछ पीड़ितों के परिजनों और उनके रिश्तेदारों से भी मुलाकात की है। सभी सरकार और एजेंसियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों से संतुष्ट हैं।


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