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यमुना में फेरी चलाने में बड़ी अड़चन क्या? एक्सपर्ट ने बताई वजह

दिल्ली में यमुना नदी पर फेरी सेवा शुरू करने के लिए एमओयू साइन हो चुका है, लेकिन एक्सपर्ट के मुताबिक अभी यह संभव नहीं है। यमुना का पानी पूरी तरह साफ नहीं है, जिससे टूरिज्म और परिवहन सेवाओं पर असर पड़ेगा। जानिए किन चुनौतियों के चलते योजना में आ रही है रुकावट।

yamuna river cleaning
Delhi News: यमुना में फेरी चलने का रास्ता बेशक साफ हो गया हो। लेकिन एक बड़ी अड़चन अभी बाकी है जिसके बारे में एक्सपर्ट ने बताया।  मंगलवार 11 मार्च को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर के अलावा मंत्री साहिब सिंह और कपिल मिश्रा की मौजूदगी में एमओयू साइन किया गया। लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार इस समय यमुना उस स्थिति में नहीं है कि उस पर टूरिज्म या कोई फेयरी सर्विस शुरू की जाए। इसके पीछे की वजह क्या है वो भी जान लीजिए।

क्यों नहीं की जा सकती फेयरी सर्विस शुरू

हालांकि दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने यमुना के पानी को साफ बता एमओयू पर साइन कर दिए हैं। लेकिन एक्सपर्ट भीम सिंह रावत ने बताया कि पहले यमुना को निर्मल और स्वच्छ करने पर काम करना होगा। अभी पानी पूरी तरह से साफ नहीं है। ऐसे में यदि फेयरी और टूरिज्म शुरू होता है तो यमुना के पानी को साफ करना मुश्किल हो जाएगा। यह भी पढ़ें: ट्रेन हाईजैक के पीछे बलूच आर्मी का क्या था मकसद? जानें कितनी मौत, कितने रिहा, कितने बंधक?

क्यों सफल नहीं हुई योजना

साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के अधिकारी भीम सिंह रावत ने बताया कि कई दशकों से यमुना में कमर्शियल वॉटर ट्रांसपोर्ट के लिए सरकारी कोशिशें होती रही हैं। लेकिन अत्यधिक प्रदूषण और नाले की गंदगी की वजह से ये योजनाएं सफल नहीं हो पाई हैं। ऐसे में एक बार फिर से इन योजनाओं को सफल बनाने के लिए दोबारा कोशिश की जानी चाहिए।

यमुना नदी की सफाई में क्या चुनौतियां

हालांकि दावा किया जा रहा है कि आने वाले 6 महीनों के अंदर यमुना में फेरी चलने लगेंगी। लेकिन उससे पहले कुछ चुनौतियां हैं जो आड़े आ रही हैं। जिसमें सबसे बड़ी चुनौती यमुना की सफाई करना, उसकी गहराई को बढ़ाना है, ताकि पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाया जा सके। जानकारी के लिए बता दें कि यमुना की गहराई को बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली सरकार के सामने ड्रेजिंग के काम में मदद करने का भी प्रस्ताव रखा है। यह भी पढ़ें: हाइजैक ट्रेन में अब तक 30 आर्मी जवानों की मौत? पाकिस्तान से कब्जे में ट्रेन में यात्रियों की कैसी हालत?


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