Delhi Blast Deceased Ashok Profile: दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार धमाके में एक घर का इकलौता चिराग बुझ गया. बूढ़ी विधवा के बुढ़ापे की लाठी टूट गई और 3 बच्चों से उनके पिता का साथ छिन गया. अब परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी और 3 छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला, जिन्हें कमाकर रोटी खिलाने वाला हमेशा के लिए दुनिया छोड़कर चला गया. यह दर्दनाक कहानी है, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिला के गांव हसनपुर के उस परिवार की, जिसके इकलौते चिराग 45 साल के अशोक कुमार ने धमाके में जान गंवा दी.
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बूढ़ी मां को नहीं दी गई मौत की खबर
मिली जानकारी के अनुसार, अशोक कुमार दिल्ली रोडवेज में बस कंडक्टर था और धमाके के समय ड्यूटी करके वापस घर लौट रहा था, लेकिन सोचा नहीं था कि वह घर तक पहुंच ही नहीं पाएगा. अशोक के पिता की कई साल पहले मौत हो गई थी और अब अशोक की मौत ने परिवार को तोड़ दिया है. अशोक का घर अमरोहा जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र के मंगरौला गांव में है. मां को अभी तक बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है, क्योंकि वह बीमार हैं और हालत नाजुक है, वहीं अशोक की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है. पूरा गांव मातम में डूबा हुआ है.
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दिल्ली में किराये पर रहता था अशोक
अशोक के चचेरे भाई सोमपाल शर्मा ने बताया कि अशोक पत्नी और 2 बेटियों व एक बेटे के साथ दिल्ली में किराये के मकान में रहता था. परिवार को उसकी मौत की खबर न्यूज चैनल से मिली. पहले खबर आई कि धमाके में अमरोहा का एक शख्स मारा गया है, फिर उसके नाम की पुष्टि हुई तो परिवार को मौत की जानकारी मिली. परिवार की मांग पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे और दोषियों को सजा की है. स्थानीय पुलिस टीम गांव आकर अशोक के बारे में ऐसे पूछताछ कर ही थी, जैसे वह भी आरोपी हो. अशोक के अन्य परिजन दिल्ली पहुंच गए हैं.