Satyendra Jain Plea: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने जैन को अपनी याचिका अवकाश पीठ में भी लगाने की स्वतंत्रता दी है। पूर्व मंत्री ने 15 मई को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सत्येंद्र जैन की याचिका पर जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली ने सुनवाई की। जबकि वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी जैन की तरफ से पीठ के सामने पेश हुए। सिंघवी ने कहा कि पूर्व मंत्री का जेल में रहते हुए 35 किलो वजट घट गया है। वे कंकाल की तरह दिख रहे हें। वे कई बीमारियों से जूझ रहे हैं।
जमानत की जरूरत नहीं
सिंघवी के इन तर्कों का एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत की जरूरत नहीं है। इसके बाद अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं। यह जरूर कहा कि जैन चाहें तो अवकाशकालीन पीठ के सामने जा सकते हैं।
6 अप्रैल को हाईकोर्ट ने की थी जमानत याचिका खारिज
6 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की क्षमता रखते हैं। इस स्तर पर सत्येंद्र जैन को जमानत नहीं दी जा सकती है।
ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।
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