वायु प्रदूषण के कारण लाखों लोगों की मौत हो रही है, इस स्थिति से निपटने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, जस्टिस मिश्रा ने कहा कि गरीब किसानों को केवल पराली जलाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है उनमें से कुछ के पास आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं।
बता दें कि जस्टिस मिश्रा दिल्ली वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे थे, जिस पर आयोग ने पिछले साल की मीडिया में आईं ख़बरों पर स्वतः ही संज्ञान लिया था।
ठोस समाधान जरूरी
उन्होंने कहा कि जो किसान महंगे संसाधन नहीं खरीद सकते, उनके लिए राज्यों को विचार करना चाहिए। आयोग का भी मानना है कि इस तकनीक से हम प्रदूषण को जरूर कम कर सकते हैं लेकिन इस तरह से समस्या से पूरी तरह से निजात नहीं पाई जा सकती।
आयोग ने आगे कहा कि चूंकि 1 अक्टूबर, 2023 से पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है, इसलिए वह 3 अक्टूबर को सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ आजादपुर-नरेला रेलवे लाइन खंड का संयुक्त निरीक्षण करना चाहेगा।
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