नई दिल्ली: गुजरात में स्थापित भारत के पहले स्वदेशी परमाणु ऊर्जा संयंत्र काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (KAPP) ने बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है। इस पर खुशी का इजहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर लिखा है, 'भारत ने एक और मील का पत्थर हासिल किया है। गुजरात में सबसे बड़े स्वदेशी 700 मेगावाट काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूनिट-3 ने पूरी क्षमता से परिचालन शुरू किया। हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई'।
गुजरात के तापी जिले में स्थापित काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 2011 में शुरू हुआ था तीसरी-चौथी यूनिट पर काम शुरू
तीसरी, मगर पहली स्वदेशी यूनिट 700 मेगावाट की क्षमता के देश की पहली सबसे बड़ी इकाई है KAPP-3
बता दें कि गुजरात के तापी जिले में काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 6 मई 1993 को 220 मेगावाट के पहले ‘दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर’ (Pressurized Heavy Water Reactor- PHWR) का निर्माण हुआ था। 1 सितंबर, 1995 को 220 मेगावाट की क्षमता वाली ही दूसरी इकाई के निर्माण पर काम हुआ। इसके बाद 2011 में यहां दो और यूनिट लगनी शुरू हुई। खास बात यह है कि पहली दोनों इकाइयां कनेडियन (Canadian) तकनीक पर आधारित हैं, जबकि इसकी तीसरी इकाई पूर्ण रूप से भारतीय स्वदेशी तकनीक पर तैयार हुई है। 700 मेगावाट विद्युत इकाई होने की वजह से स्वदेशी तकनीक से विकसित KAPP-3 भारत पहली सबसे बड़ी इकाई है।
यहां चल रहा है काम और यहां के लिए मिल चुकी है मंजूरी
इसके अलावा न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने ने देशभर में 700 मेगावाट के 16 PHWR स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से राजस्थान के रावतभाटा (RAPS 7 और 8) और हरियाणा के गोरखपुर (GHAVP 1 और 2) में निर्माण कार्य जोर-शोर के साथ चल जारी है। साथ ही सरकार ने हरियाणा के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के चुटका, राजस्थान के माही बांसवाड़ा और कर्नाटक के कैगा में 4 बेड़े मोड में 10 स्वदेशी रूप से विकसित PHWR के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
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अब काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तीसरी, मगर पहली स्वदेशी यूनिट KAPP-3 ने ऊर्जा उत्पादन शुरू कर दिया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई है। इसकी सराहना में प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पहले ट्विटर था) पर बड़ी हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी की है।