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दिल्ली सरकार के मंत्री ने ध्रुव राठी के खिलाफ की कार्रवाई की मांग, जानें क्या है मामला

ध्रुव राठी के एक वीडियो में गुरु गोबिंद सिंह जी को रोते हुए दिखाए जाने पर विवाद गहराता जा रहा है। दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और शिरोमणि अकाली दल ने वीडियो को धार्मिक अपमान बताते हुए FIR दर्ज करने की मांग की है।

Dhruv Rathee
दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ दिल्ली पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। ध्रुव राठी के हालिया वीडियो "सिख योद्धा जिसने मुगलों को भयभीत कर दिया" के एक हिस्से को साझा करते हुए सिरसा ने कहा कि यह वीडियो न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि सिख इतिहास और भावनाओं का घोर अपमान भी करता है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को एक बच्चे के रूप में रोते हुए दिखाना सिख धर्म की मूल भावना का अपमान है। सिख धर्म निडरता, लचीलापन और चढ़दी कला (आत्मिक और मानसिक ऊंचाई की भावना) का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ध्रुव राठी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। साथ ही, यूट्यूब से उनके अकाउंट की समीक्षा करने की मांग की गई है क्योंकि उन्होंने बार-बार सिख धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वीडियो साझा किए हैं। सिरसा ने मांग की है कि दिल्ली पुलिस को भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के तहत ध्रुव राठी के खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि यह कृत्य जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण है।

ध्रुव राठी ने वीडियो हटाया

जब इस वीडियो को लेकर विभिन्न संगठनों ने विरोध जताया, तो ध्रुव राठी ने उसे अपने यूट्यूब चैनल से हटा लिया। ध्रुव राठी, जो हरियाणा के रहने वाले हैं और वर्तमान में जर्मनी में रहते हैं, ने "The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals" नामक वीडियो में AI द्वारा निर्मित कुछ विज़ुअल्स का उपयोग किया था, जिन पर सिख समुदाय ने आपत्ति जताई है। वीडियो में सिखों से संबंधित कुछ दृश्यों और तथ्यों को भ्रामक और आपत्तिजनक बताया गया है।

शिरोमणि अकाली दल ने भी जताई नाराजगी

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस वीडियो की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह वीडियो सिख रहत मर्यादा का उल्लंघन करता है, जो गुरु साहिबानों के दृश्य रूप में प्रदर्शन पर रोक लगाती है। इस वीडियो में न केवल सम्मानजनक भाषा की कमी है, बल्कि इसमें भ्रामक तथ्यों को भी प्रस्तुत किया गया है, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं गहराई से आहत हुई हैं।


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